संगीतकार साजिद ख़ान ने अपना सरनेम बदला
1 min readबॉलीवुड संगीतकार साजिद ख़ान (Sajid Khan) अपने दिवंगत भाई वाजिद (Wajid Khan) को खोने के बाद से बहुत दुखी हैं। वे आए दिन अपने भाई को याद करते रहते हैं। दोनों ने साथ मिलकर कई हिट गाने दिए हैं लेकिन वाजिद (Wajid) की मौत का गम साजिद को अंदर ही अंदर कमजोर कर रहा है। वे इतना अकेले हो गए हैं कि अकेले में रोने तक लगते हैं, इसका खुलासा खुद उन्होंने ही किया था। वाजिद के निधन से भले ही साजिद वाजिद की जोड़ी अलग हो गई हो, लेकिन अब साजिद (Sajid) ने अपने सरनेम में बदलाव कर वाजिद को हमेशा से अपने साथ कर लिया है। इस बात का खुलासा उन्होंने मीडिया के साथ एक इंटरव्यू में किया है। मशहूर तबला वादक रहे शराफ़त अली ख़ान के दोनों बेटे साजिद और वाजिद ने मिलकर कई ब्लॉकबस्टर हिट गाने गाने कंपोज किये हैं जिनमें सोनी दे नखरे, माशाअल्ला, हुड हुड दबंग, तेरे मस्त मस्त दो नैन, मुन्नी बदनाम हई, फेवीकोल से आदि हैं।
दिवंगत भाई के नाम को बनाया अपना सरनेम
साजिद ने मीडिया को बताया कि मैं नहीं चाहता कि लोग मुझे साजिद खान (Sajid Khan) कहें, इसलिए मैंने वाजिद को अपना सरनेम मान लिया है। अब मेरा नाम साजिद-वाजिद (Sajid-Wajid) है और यह अंत तक ऐसे ही रहेगा। वे शारीरिक रूप से मौजूद नहीं है, लेकिन मैं हर समय उसकी उपस्थिति को महसूस करता हूं। वाजिद खान के निधन के बाद साजिद-वाजिद की जोड़ी बिखर गई, लेकिन साजिद खान का कहना है कि उनकी जोड़ी कभी ना तो टूटी थी और ना ही टूटेगी, क्योंकि वाजिद भले ही भौतिक रूप से इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन वह अपनी कला के जरिए हमेशा उनके और फैंस के दिलों में जिंदा रहेंगे। मैंने म्यूजिक कंपोज करना शुरू कर दिया, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी ऐसा करूंगा। यह सब उसी की वजह से है। मैंने ऐसी धुनों की रचना शुरू कर दी है, जिसके बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था और मुझे लगता है कि यह वाजिद की वजह से ही है। मुझे लगता है कि वाजिद उन समय में मेरे साथ होता है।
उन्होंने वाजिद के अंतिम दिनों को याद करते हुए कहा कि मैं वाजिद के इतना करीब था कि सबके मना करने पर भी मैं पीपीई किट पहनकर उससे मिलने अस्पताल के आईसीयू में जाया करता था। एक समय ऐसा भी आया था कि जब मैंने सोचा अगर मुझे जाना है, तो मैं उसके साथ ही जाऊंगा लेकिन उसे देखे बिना नहीं रह सकता। उसकी कमी कोई पूरी नहीं कर सकता है।
सलमान ख़ान कभी-कभी मेरे लिए वाजिद बन जाते हैं
सुपरस्टार सलमान ख़ान (Salman Khan) की तारीफ करते हुए साजिद ने कहा कि वाजिद को खोने के बाद मैंने सलमान भाई से कहा था कि मुझे लगता है कि मेरे अंदर अब आग नहीं बची है। मेरा अब काम खत्म हो चुका है। उसके बाद से ही सलमान भाई मेरा बड़ा सपोर्ट बन गए हैं और उन्होंने मुझे मेरे मुश्किल दौर में संभाला है। आज मुझे जो कॉन्फिडेंस महसूस हो रहा है और मेरे अंदर की आग और भी ज्यादा हो गई है, उसकी वजह सलमान भाई ही हैं। सलमान ख़ान हम दोनों के सबसे बड़े प्रेरणा-स्रोत रहे हैं। उनके साथ काम करने में काफी मजा आता है। उनकी बस एक डिमांड होती है कि हमारे पिछले किसी भी काम को रिपीट न किया जाए। वे खुद भी बहुत एक्सपेरिमेंटल हैं और लोगों को भी एक्सपेरिमेंट करने का हौसला देते हैं। दूसरी बात ये है कि वे कभी म्यूजिक सिलेक्ट करने में वक्त नहीं लगाते। कई बार ऐसा होता है कि गाने की चार लाइन भी बाहर नहीं आतीं और वे उसे हिट करार दे देते हैं। मुझे याद नहीं कि कभी मीटिंग में उन्होंने पूरा गाना सुना हो? अब जब वाजिद नहीं रहे तो वे मेरे लिए कभी-कभी वाजिद बन जाते हैं। उनकी कमी पूरी करते हैं। वाजिद के जाने के बाद सलमान मेरे लिए ज्यादा प्रोटेक्टिव हो गए हैं।
सलमान की राधे और अंतिम में है साजिद-वाजिद का संगीत
सलमान ख़ान की ‘राधे : योर मोस्ट वांटेड भी’ (Radhe: Your Most Wanted Bhai) और ‘अंतिम: द फाइनल ट्रुथ’ (Antim: The Final Truth) में भी हमारा ही म्यूजिक है। सलमान भाई के साथ काफी सालों से काम कर रहे हैं और हम दोनों भाइयों की हमेशा वक्त से आगे चलने की कोशिश रही है। हमने अपने सुपरहिट गाने को फिर से उसी तरह बनाने की कोशिश कभी नहीं की। मुझे DJ कहते हैं कि वे हमारे गानों को रीमिक्स नहीं कर पाते है। ये अपने आप में एक अचीवमेंट है।