21/09/2024

द्वितीय विश्व युद्ध पर आधारित होगी संजय दत्त की ‘द गुड महाराजा’

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बॉलीवुड के खलनायक संजय दत्त (Sanjay Dutt) इस समय कई ऐतिहासिक फ़िल्में कर रहे हैं। यशराज बैनर की पृथ्वीराज (Prithviraj) के अतिरिक्त संजय दत्त एक और मेगा बजट फिल्म में काम कर रहे हैं। ‘द गुड़ महाराजा’ (The Good Maharaja) टाइटल के नाम से बन रही इस फिल्म का बजट पूरे 400 करोड़ रुपए है। फिल्म की कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है, जो दर्शकों को द्वितीय विश्व युद्ध के वक़्त के हालातों और द्वितीय विश्वयुद्द के वक़्त भारत की परिस्थिति से वाकिफ कराएगी।

फिल्म की कहानी

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत और पोलैंड के लिए एक कमाल का ऐतिहासिक क्षण हुआ था जब जामनगर के महाराजा दिग्विजयसिंहजी रंजीतसिंहजी जडेजा (जिन्हें जाम साहब भी कहा जाता है) ने उस समय के सोवियत रूस से बचाए गए 1000 पॉलिश बच्चों एवं महिलाओं को बलाचडी, गुजरात में शरण दी थी। वे बच्चे महाराजा साहब को प्यार से ‘बापू’ भी कहते थे। फिल्म में दिखाया जाएगा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किस तरह महाराजा दिग्विजयसिंहजी रणजीतसिंहजी जडेजा (Digvijaysinhji Ranjitsinhji Jadeja) ने 1000 पोलिश बच्चों को भारत में शरण दी। फिल्म की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है। विकाश वर्मा ने ‘द गुड महाराजा’ की प्रिंसिपल फोटोग्राफी शुरू कर दी है। नो मीन्स नो (No Means No) के बाद यह भारत और पोलैंड का दूसरा प्रयास होगा, जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। विकास द्वारा निर्देशित यह पहल 1970 में रिलीज शोमैन राज कपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ (Mera Naam Joker) की याद दिलाएगी, जिसने भारत और सोवियत रूस के बीच रिश्तों को एक बार फिर शिखर पर पहुंचा दिया था।

9 साल तक शरण दी महाराजा ने

  • जब हिटलर ने पोलैंड पर आक्रमण कर दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत की, तब पोलैंड के सैनिकों ने अपनी 500 महिलाओं और करीब 200 बच्चों को एक जहाज में बिठाकर समुद्र में छोड़ दिया। जहाज के कैप्टन से कहा गया कि इन्हें किसी भी देश में ले जाओ, जहां इन्हें शरण मिल सके अगर जिंदगी रही और हम बचे रहे तो दोबारा मुलाकात होगी।
  • 500 शरणार्थी पोलिस महिलाओं और 200 बच्चों से भरा वो जहाज जब ईरान के सिराफ़ बंदरगाह पहुंचा तो वहां किसी को शरण की अनुमति नहीं मिली। फिर कई देशों में उनके साथ यही सलूक हुआ। अंत में वो जहाज भटकते हुए गुजरात के जामनगर के तट पर आया।
  • जामनगर के तत्कालीन महाराजा “जाम साहिब” ने ना केवल उन महिलाओं और बच्चों के लिए अपना महल खोल दिया बल्कि रियासत के सैनिक स्कूल में उन बच्चों की पढाई लिखाई की व्यवस्था की।
  • ये शरणार्थी जामनगर में कुल 9 साल तक रहे। भारत आये पोलिश बच्चों की परवरिश काफी अच्छे तरीके से हुई। उनकी पढाई का भी बहुत ध्यान रखा गया। उन्ही शरणार्थी बच्चों में एक बच्चा बाद में पोलैंड का प्रधानमंत्री भी बना। अब भी हर साल उन शरणार्थीयो के वंशज जामनगर आते हैं। अपने पूर्वजों को याद करते हैं।
  • पोलैंड की राजधानी वारसा में कई सड़कों के नाम महाराजा जाम साहिब के नाम पर है, उनके नाम पर पोलैंड में कई योजनायें चलती हैं। हर साल पोलैंड के अखबारों में महाराजा जाम साहिब दिग्विजय सिंह के बारे में आर्टिकल छपते हैं।

जाम साहिब के किरदार में दिखेंगे संजय दत्त

फिल्म में संजय दत्त नवांनगर (अब जामनगर, गुजरात) के महाराजा जाम साहिब यानी दिग्विजयसिंहजी रणजीतसिंहजी जडेजा के किरदार में नजर आएंगे। साथ ही ध्रुव वर्मा एक रूसी स्नाइपर के लीड रोल में हैं, लेकिन अभिनेता हीरो के रोल में दिखेंगे या विलेन के ये पता लगा पाना अभी काफी मुश्किल है। वहीं गुलशन ग्रोवर, दीपराज राणा, शरद कपूर नाजिया हुसैन और पोलैंड के टैलेंटेड एक्टर्स एना एडोर, कैट क्रिस्टियन, अन्ना गुज़िक, नतालिया बाक, पावेल चेक, सिल्विया चेक, जेरज़ी हैंडज़लिक और जेसेक बिंदा सहायक कलाकार के रूप में नजर आएंगे।

400 करोड़ होगा फिल्म का बजट

फिल्म के बजट का खुलासा करते हुए विकास वर्मा ने बताया कि फिल्म 400 करोड़ के बजट की होगी। इसकी शूटिंग लंदन, रूस, पोलैंड और भारत के गुजरात में होगी। फिल्म की तैयारी के बारे में पूछे जाने पर विकास ने कहा कि इस तरह की मास्टरपीस फिल्म के लिए हर एक पक्ष के लिए रिसर्च करना सबसे महत्वपूर्ण होता है, फिर चाह वो स्क्रिप्टिंग हो, डायलॉग्स हों या फिर एक्शन सीन। सच्ची घटना को फिल्म में दिखाने के लिए फिल्म का हर डिपार्टमेंट गहरी रिसर्च करने में लगा हुआ है।

महाराजा की बेटी के निधन पर दी श्रद्धांजलि

महाराजा दिग्विजयसिंहजी रंजीतसिंहजी जडेजा की बेटी, हर्षद कुमारी 2 फरवरी, 2022 को हमारे बीच नहीं रहीं। वह उन कुछ लोगों में से एक थीं जिन्होंने महाराजा साहब के दिल की गहराईयों को छू लेने वाले प्रयासों को देखा था। विकास वर्मा ने महाराजा दिग्विजयसिंहजी रणजीतसिंहजी जडेजा की बेटी हर्षद कुमारी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक युग का अंत है। उन्होंने बताया कि हर्षद उन चंद लोगों में से थी जिसने द गुड महाराजा की आत्मा को छू लेने वाले हावभाव को देखा था और वह उनके दिल के बेहद करीब थी। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि जीवन की लंबी यात्रा के बाद उनको मोक्ष प्राप्त हो। वहीं भारत में पोलैंड के राजदूत महामहिम श्री एडम बुराकोव्स्की ने भी ट्वीट कर हर्षद कुमारी जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी थी।

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