इतिहास में दर्ज होगी आमिर ख़ान की ‘पीके’, नैशनल आर्काइव ने संरक्षित की ऑरिजनल कॉपी
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सेल्यूलॉयड पर शॉट की गयी आख़िरी फ़िल्म है पीके
नैशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया के डायरेक्टर से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘पीके 2014 की फिल्म है और यह आखिरी फिल्म है जो सेल्यूलॉयड पर शॉट की गई है। अब भारत में सेल्यूलॉयड के बजाय डिजिटल टेक्नॉलजी से फिल्में शूट होने लगी हैं। भले ही ‘पीके’ सेल्यूलॉयड पर शूट हुई हो मगर उसे डिजिटल फॉरमैट में भी रिलीज किया गया था। यह शायद आर्काइव में रखी जाने वाली बहुत जरूरी फिल्म थी।’ याद रहे कि ‘पीके’ राज कुमार हिरानी की पहली फिल्म नहीं है जो नैशनल आर्काइव में रखी गई हो। प्रकाश ने बताया, ‘राजू हिरानी की पिछली फिल्में भी आर्काइव में रखी गई हैं। संजू (Sanju) भले ही डिजिटल तरह से शूट की गई थी लेकिन उन्होंने इसका कुछ मटीरियल हमें दिया है। ऑरिजनल निगेटिव के साथ उनके पास 200 कैन निगेटिव था जो फिल्म में शामिल नहीं किया गया था। इसके अलावा ‘3 इडियट्स’ का 300 कैन्स भी हमारे पास है जिसमें पोस्टर, फोटो और लॉबी कार्ड जैसे पब्लिसिटी मटीरियल शामिल हैं।’
नैशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया
बता दें कि नैशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया (NFAI) लगातार पुरानी फिल्मों के प्रिंट को संरक्षित करने के काम में लगा हुआ है। 1959-60 के दशक की 70-80 मराठी फिल्में भी इनके पास संरक्षित हैं। हाल में NFAI ने देव आनंद की ‘तेरे घर के सामने’ और राज कपूर की ‘परवरिश’ के प्रिंट को संरक्षित किया है। साल 2018 में आरके स्टूडियो की 21 फिल्मों के निगेटिव को NFAI को दिया गया जिसमें आग, बरसात, आवारा, बूट पॉलिश, श्री 420, जिस देश में गंगा बहती है, संगम, मेरा नाम जोकर, कल आज और कल, बॉबी, धरम करम, सत्यम शिवम सुंदरम, प्रेम रोग, बीवी ओ बीवी, राम तेरी गंगा मैली और ‘आ अब लौट चलें’ जैसी फिल्में शामिल थीं। NFAI के पास के वी शांताराम, सुभाष घई, विधु विनोद चोपड़ा और बासु भट्टाचार्य की फिल्में और अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की फिल्मों के पोस्ट और मुगल-ए-आजम (Mughl-e-Azam) के सिक्स शीटर पोस्टर भी संरक्षित हैं।