21/11/2024

आमिर ख़ान की टॉप-10 फ़िल्में

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आमिर ख़ान की टॉप-10 फ़िल्में / Top 10 Films of Aamir Khan

बॉलीवुड में मिस्टर परफेक्शनिस्ट नाम से मशहूर आमिर ख़ान (Aamir Khan) अपने चाचा नासिर हुसैन की फ़िल्म ‘यादों की बारात’ (1973) में एक बाल कलाकार की भूमिका में नज़र आए थे और 11 साल बाद आमिर का कैरियर फ़िल्म होली (1984) से आरम्भ हुआ। उन्हें अपने चचेरे भाई मंसूर ख़ान के साथ फ़िल्म ‘क़यामत से क़यामत तक’ (1988) से पहली हिट मिली। इसके बाद आमिर ने कई फिल्में की जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर सफलता के नए पैमाने बनाए। बॉलीवुड को 100 करोड़, 200 करोड़ और 300 करोड़ के क्लब से पहचान कराने वाले आमिर ख़ान की ‘ग़जनी’ (Ghajani) ने 100 करोड़ रुपये, ‘3 इडियट्स’ (3 Idiots) ने 200 करोड़ रुपये और पीके (PK) ने 300 करोड़ रुपये की कमाई करके सबसे पहले इन तीनों क्लब की शुरुआत की। आमिर ख़ान को भारत सरकार द्वारा उन्‍हें 2003 में पद्मश्री, 2010 में पद्म भूषण पुरस्‍कार दिये गये। आमिर ख़ान की फ़िल्‍मों को चीन में काफी पसंद किया जाता है। फिल्‍मों में उनके बेहतरीन अभिनय की वजह से 2017 में चीन की सरकार ने उन्‍हें ‘नेशनल ट्रीजर ऑफ़ इंडिया’ के सम्‍मान से नवाजा है। यहाँ हम दर्शक और समीक्षकों की पसंद के अनुसार आमिर ख़ान की टॉप-10 फ़िल्मों के बारे में बता रहे हैं। यदि आप आमिर ख़ान के प्रशंसक नहीं भी हैं तब भी उनकी ये फ़िल्में आपको ज़रूर देखनी चाहिये।

10. सरफ़रोश / Sarfarosh (1999)

शैली– एक्शन-ड्रामा निर्देशक– जॉह्न मैथ्यू मथान

मुख्य कलाकार- आमिर ख़ान, सोनाली बेन्द्रे, नसीरुद्दीन शाह, मुकेश ऋषि, मकरंद देशपांडे आदि

विशेष नोट- फिल्म की पटकथा एवं विषय-वस्तु के निर्माण के लिए निर्देशक वर्ष 1992 से ही गहन शोध में कार्यरत रहे फिर सात वर्ष बाद सन् 1999 में फिल्म तब रिलीज हुई जब भारत-पाकिस्तान के मध्य कारगिल युद्ध का संघर्ष चल रहा था। फिल्म का विषय भी एक बहादुर भारतीय पुलिस अफसर और सीमा-घुसपैठ के गुप्त अभियान पर केंद्रित है। पुलिस पर आधारित फ़िल्मों में ये बेहतरीन मानी जाती है। आमिर ख़ान ने कोई फ़ालतू बात किये बिना बेहतरीन आईपीएस अधिकारी की भूमिका निभाई है। फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता, सर्वश्रेष्ठ मनोरंजन, सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड। यह फिल्म कन्नड़ में देवराज के साथ ‘सत्यमेव जयते’ के रूप में और तेलुगु में विष्णु मांचू और अनुष्का शेट्टी के साथ अस्त्रम (2006) के रूप में रीमेक की गयी।

9. पीके / PK (2014)

शैली– कॉमेडी-ड्रामा निर्देशक– राज कुमार हिरानी

मुख्य कलाकार- आमिर ख़ान, अनुष्का शर्मा, बोमन ईरानी, संजय दत्त, सौरभ शुक्ला आदि

विशेष नोट- फ़िल्म का मुख्य पात्र यानि पीके एक ऐसे ग्रह से पृथ्वी पर आया है जहाँ न तो कोई भाषा है न ही वहाँ के लोग अपने शरीर को ढकने के लिए वस्त्रों का प्रयोग करते हैं, उस ग्रह पर लोग आपस में संकेतों के माध्यम से अपने विचारों का आदान-प्रदान करते हैं अर्थात वहाँ की भाषा सांकेतिक हैं। एक ऐसे आदमी के नजरिये से दुनिया को देखना जो दूसरे ग्रह से आया है एक बेहतरीन कांसेप्ट है। आमिर ख़ान का अभिनय फ़िल्म की जान है। उनके बाहर निकले कान और बड़ी आंखों ने किरदार को विश्वसनीय बनाया है। उनके चेहरे के भाव लगातार गुदगुदाते रहते हैं। वे अपने किरदार में इस तरह घुसे हैं कि आप आमिर ख़ान को भूल जाते हैं। यह उनके करियर के बेहतरीन प्रदर्शनों में से एक है।

8. लगान / Lagaan (2001)

शैली– ड्रामा-कॉमेडी निर्देशक– आशुतोष गोवारिकर

मुख्य कलाकार- आमिर ख़ान, ग्रेसी सिंह, रघुवीर यादव, रशेल शैली, कुलभूषण खरबंदा, राजेश विवेक, ए.के. हंगल आदि

विशेष नोट- ‘लगान’ आमिर ख़ान की ही नहीं बॉलीवुड की बेहतरीन फिल्मों में से एक मानी जाती है। इस फिल्म ने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई की थी बल्कि इसे ऑस्कर अवॉर्ड के लिए भी नॉमिनेट किया गया था। हालांकि फिल्म को अवॉर्ड नहीं मिल पाया था। भारतीय सिनेमा में यह तीसरी बार हुआ था जब कोई बॉलीवुड फिल्म ऑस्कर (OSCAR) अवार्ड में नॉमिनेट हुई। इससे पहले 1975 की रिलीज मदर इंडिया (Mother India) और 1988 में रिलीज सलाम बॉम्बे (Salaam Bombay) हुई थी। इस फिल्म की खास बात यह है कि यह पहली कमर्शियल फिल्म है जिसमें सिंक साउंड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया था। इस टेक्नोलॉजी का मतलब है कि शूटिंग के दौरान सभी शांत रहते हैं। फिल्म में ब्रिटिश कलाकारों के लिए इंग्लिश लिरिक्स और डायलॉग आशुतोष गोवारिकर ने खुद लिखे थे। ऑस्कर में यह फिल्म ‘नो मैन्स लैंड’ से पिछड़ गई थी। लगान के साथ सनी देओल की सुपरहिट फिल्म गदर: एक प्रेम कथा (Gadar: Ek Prem Katha) भी रिलीज हुई थी। लगान ने 8 राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार, 8 फ़िल्मफेयर पुरस्कार, 9 आईफ़ा पुरस्कार समेत अनेकों अवॉर्ड्स अपनी झोली में डाले।

7. दिल चाहता है / Dil Chahta Hai (2001)

शैली– कॉमेडी-ड्रामा-रोमांस निर्देशक– फ़रहान अख़्तर

मुख्य कलाकार- आमिर ख़ान, सैफ़ अली ख़ान, अक्षय खन्ना, प्रीति ज़िन्टा, डिम्पल कपाडिया, सोनाली कुलकर्णी आदि

विशेष नोट- हिन्दी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाली ‘दिल चाहता है’ बॉलीवुड की बेहतरीन फ़िल्मों में से एक है। फ़िल्म तीन दोस्तों की कहानी दर्शाती है कि कैसे 3 युवक उम्र के साथ ज़िम्मेदारी समझते हैं। फ़िल्म का संगीत बेहद शानदार है। इसे ‘बीबीसी एशियन नेटवर्क’ ने अपनी ‘टॉप 40 साउंडट्रैक्स ऑफ आल टाइम’ की सूची में, तथा ‘प्लेनेट बॉलीवुड’ ने अपनी 100 सर्वश्रेष्ठ बॉलीवुड एल्बमों की सूची में शामिल किया। ये फिल्म फ़रहान अख़्तर द्वारा लिखित और निर्देशित पहली फ़िल्म है। ‘दिल चाहता है’ को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, पाम स्प्रिंग्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और ऑस्टिन फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया था। ‘दिल चाहता है’ को 2 नेशनल अवार्ड, 7 फ़िल्मफेयर अवार्ड और 4 आईफ़ा अवार्ड सहित अनेकों पुरस्कार मिले।

6. अंदाज़ अपना अपना / Andaz Apna Apna (1994)

शैली– कॉमेडी-रोमांस निर्देशक– राजकुमार संतोषी

मुख्य कलाकार- आमिर ख़ान, सलमान ख़ान, करिश्मा कपूर, रवीना टंडन, परेश रावल, शक्ति कपूर आदि

विशेष नोट- बॉलीवुड में अब तक की सबसे बेहतरीन कॉमेडी फिल्मों में से एक। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ख़ास नहीं चली थी लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ‘अंदाज़ अपना अपना’ बॉलीवुड की कल्ट क्लासिक कॉमेडी मूवी बनकर उभरी है। एक अमीर लड़की के पीछे दो पागल मजनू। उनके बीच की लड़ाई, कंफ्यूजन और ढेर सारा धमाल। इस फिल्म की हर बात गुदगुदाती है। ‘अंदाज़ अपना अपना’ जब फिल्म सिनेमाघरों रिलीज हुई थी, तब दर्शकों ने इसे नकार दिया था और फिल्म पिट गई थी। लेकिन टीवी पर इस फिल्म को जबरदस्त रिस्पॉंस मिला। लोगों ने इसकी कॉमेडी को बहुत ही ज्यादा पसंद किया। फिल्म के संवाद आज भी बेहद पॉपुलर हैं। जैसे कि-

  • ‘मैं तो कहता हूँ कि आप पुरुष ही नहीं, महापुरूष हैं महापुरुष’।
  • ऑमलेट का राजा और ब्रेड का बादशाह…बजाज…हमारा बजाज।
  • क्राइम मास्टर गोगो नाम है मेरा। आंखें निकाल के गोटियां खेलता हूं गोटियां’

5. जो जीता वही सिकंदर / Jo Jeeta Wahi Sikandar (1992)

शैली– कॉमेडी-ड्रामा-रोमांस निर्देशक– मंसूर ख़ान

मुख्य कलाकार- आमिर ख़ान, आयशा जुल्का, दीपक तिजोरी, पूजा बेदी, कुलभूषण खरबन्दा, मामिक सिंह आदि

विशेष नोट- 1992 में रिलीज़ हुई ये फिल्म दर्शकों को आज भी उतनी ही पसंद है। कहानी संजू (आमिर ख़ान) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक मध्यम वर्ग का एक युवक है, परिवार से संपन्न शेखर (दीपक तिजोरी) एक सफल, अभिमानी और अमीर है। अंजली (आयशा जुल्का) हैं, जो संजू की सबसे अच्छी दोस्त है और मन ही मन वो संजू को प्यार करती है। इमरान ख़ान ने इस फिल्म में आमिर ख़ान के बचपन का किरदार निभाया है। ये फिल्म अंग्रेज़ी फिल्म ‘ब्रेकिंग अवे’ से पूरी तरह से प्रेरित है। दिलचस्प तथ्य ये है कि इस फिल्म में दीपक तिजोरी के रोल के लिए उन दिनों अक्षय कुमार ने भी ऑडीशन दिया था, लेकिन उनको रिजेक्ट कर दिया गया था। जतिन ललित ने फिल्म का म्यूजिक दिया था और मजरूह सुल्तानपुरी ने फिल्म के गीत लिखे थे, लगभग सारे ही गाने काफी पंसद किए गए थे। इसी फ़िल्म से फ़राह ख़ान ने ‘पहला नशा पहला खुमार’ कोरियोग्राफ करके अपनी कैरियर की शुरुआत की थी। फिल्म ने दो फिल्मफेयर पुरस्कार जीते, जिसमें सर्वश्रेष्ठ फिल्म भी शामिल है। इसके कई रीमेक बने जैसे- तेलुगु फिल्म थम्मुडु (1999), तमिल फिल्म बद्री (2001), कन्नड़ फिल्म युवराज (2001), और बंगाली फिल्म चैंपियन (2003)।

4. तारे ज़मीन पर / Tare Zameen Par (2007)

शैली– ड्रामा-फैमिली निर्देशक– आमिर ख़ान, अमोल गुप्ते

मुख्य कलाकार- दर्शील सफ़ारी, आमिर ख़ान, टिस्का चोपड़ा, विपिन शर्मा आदि

विशेष नोट- इस फ़िल्म में एक बच्चे की कहानी दिखाई गई है, जिसे पढ़ने-लिखने में बिल्कुल भी रुचि नहीं थी और उसके माता-पिता उससे परेशान होकर बोर्डिंग स्कूल में डाल देते हैं, जहाँ उसकी मुलाकात एक ऐसे गुरु (आमिर ख़ान) से होती है, जो उसकी चित्रकारी की क्षमता पहचान कर उसे उस क्षेत्र में आगे बढ़ने में सहायता करते हैं। इस फ़िल्म के माध्यम से यह बताने की भी कोशिश की गई है कि अपने बच्चे की गतिविधयों को परखें कि उसे किस चीज में रुचि है, नाकि उस पर किसी चीज को करने के लिए दबाव बनाएं। फिल्म में यह भी बताया गया है कि एक शिक्षक को अपने छात्र के प्रति सच्ची निष्ठा और प्रेम के साथ व्यवहार करना चाहिए जिससे उनके छात्र अपनी हर तकलीफों को अपने शिक्षक को उसके साथ साझा कर सकें। आमिर ख़ान के निर्देशन में बनी ये पहली फ़िल्म है और आमिर ने ये साबित कर दिया है कि वो अभिनेता के साथ-साथ एक बहुत ही अच्छे निर्देशक भी हैं। फ़िल्म की सबसे अच्छी बात है कि कहानी बहुत ही दमदार है। फ़िल्म के हर पहलू को बहुत ही उम्दा तरीके से बनाया गया है। 3 नेशनल अवार्ड, 4 फ़िल्मफेयर अवार्ड सहित ‘तारे ज़मीन पर’ को सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म वर्ग में ऑस्कर अवार्ड के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुना गया।

3. रंग दे बसंती / Rang De Basanti (2006)

शैली– कॉमेडी-ड्रामा निर्देशक– राकेश ओमप्रकाश मेहरा

मुख्य कलाकार- आमिर ख़ान, सोहा अली ख़ान, सिद्धार्थ, शरमन जोशी, आर. माधवन, अतुल कुलकर्णी, कुणाल कपूर, वहीदा रहमान आदि

विशेष नोट- चार नेशनल अवार्ड से सम्मानित ‘रंग दे बसंती’ की कहानी दो अलग-अलग समय अवधि पर आधारित है- पहली कहानी समकालीन भारत में है और आज कल के दोस्तों के इर्द गिर्द घूमती है और दूसरी कहानी स्वतंत्रता पूर्व भारत में है जो चंद्रशेकर आज़ाद, सरदार भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों के इर्द गिर्द घूमती है। इस फिल्म के बार में मीडिया पर काफी चर्चा हुई और कहा जाता है कि भारतीय समाज पर इसकी अभूतपूर्व छाप पड़ी है। फिल्म का उपशीर्षक है- अ जनरेशन अवेकन्स। इस फिल्म के बाद से भारतीय युवाओं ने कई मोर्चों पर सार्थक प्रदर्शन किये। रंग दे बसंती की तरह इंडिया गेट पर मोमबत्ती जला के लोगों ने विभिन्न केसों में अदालत के फैसलों के खिलाफ मोर्चा निकाला और शायद स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार इस तरह से शांतिप्रिय जुलूस निकाल के उच्च न्यायालय को और सरकार को ये मुकदमे फिर से खोलने पर मजबूर कर दिया। इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए 2006 बाफ़्टा (BAFTA) पुरस्कार में नामांकित किया गया था। ‘रंग दे बसंती’ को सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म वर्ग में गोल्डन ग्लोब पुरस्कार और अकादमी पुरस्कार के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुना गया। संगीतकार ए.आर. रहमान को भी दो अकादमी पुरस्कार नामांकन मिले।

2. 3 इडियट्स / 3 Idiots (2009)

शैली– कॉमेडी-ड्रामा निर्देशक– राजकुमार हिरानी

मुख्य कलाकार- आमिर ख़ान, करीना कपूर, शरमन जोशी, आर. माधवन, ओमी वैद्य, बोमन ईरानी आदि

विशेष नोट- इसे व्यापक रूप से बॉलीवुड की सर्वश्रेष्ठ फिल्म के रूप में माना जाता है। फिल्म को आलोचकों की प्रशंसा और व्यावसायिक सफलता दोनों जबरदस्त मिली। फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म सहित छह फिल्मफेयर पुरस्कार जीते और सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म सहित तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते। इसने सर्वश्रेष्ठ उत्कृष्ट विदेशी भाषा फिल्म के लिए एक जापानी अकादमी पुरस्कार नामांकन भी प्राप्त किया और जापान के वीडोयासन पुरस्कारों में ग्रैंड पुरस्कार जीता। चेतन भगत के उपन्यास ‘फाइव पाइंट समवन’ से प्रेरित ‘3 इडियट्‌स’ के जरिये लेखक-निर्देशक हिरानी ने काबिल की बजाए कामयाब बनने पर जोर देने वाली हमारी मौजूदा रट्टामार प्रणाली का तगड़ा पोस्टमार्टम किया है। फ़िल्म के संवाद बेहद शानदार हैं। ‘इस देश में गारंटी के साथ 30 मिनट में पिज्जा आ जाता है, लेकिन एंबुलेंस नहीं’, ‘शेर भी रिंगमास्टर के डर से कुछ सीख जाता है लेकिन उसे वेल ट्रेंड कहा जाता है वेल एजुकेटेड नहीं’ जैसे संवाद फिल्म को नयापन देते हैं। अपनी उम्र से आधी उम्र का किरदार निभाना आसान नहीं था, लेकिन आमिर ने यह कर दिखाया। युवा पीढ़ी के हाव-भाव को उन्होंने बारीकी से पकड़ा। तेज तर्रार और अपनी शर्तों पर जीने वाले रांचो को उन्होंने पूरी ऊर्जा के साथ पर्दे पर जीवंत किया। आमिर की फिल्म में एंट्री और रेगिंग वाला दृश्य और राजू के घर की हालत को व्यंग्यात्मक शैली (50 और 60 के दशक की ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों की तरह) में दिखाना निर्देशक की काबिलियत को दर्शाता है। 3 इडियट्स ने कमाई में भी झंडे गाड़े और 200 करोड़ के क्लब में शामिल होने वाली पहली फ़िल्म बनी।

1. दंगल / Dangal (2016)

शैली– बायोपिक-ड्रामा निर्देशक– नितेश तिवारी

मुख्य कलाकार- आमिर ख़ान, फ़ातिमा सना शेख़, सान्या मल्होत्रा, साक्षी तंवर, अपारशक्ति खुराना, गिरीश कुलकर्णी आदि

विशेष नोट- दंगल की कहानी एक ऐसे पिता और उसके सपने की है, जो अपने सपने को पूरा करने के लिए बेटे की इच्छा रखता है। लेकिन उसके इस सपने को सच का जामा बेटे की जगह बेटियां पहनाती हैं। यह फिल्म पहलवान महावीर सिंह फोगाट के जीवन से प्रेरित है। बिलाली गांव में रहने वाला महावीर देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना चाहता है। यह आमिर ख़ान की सबसे दमदार फिल्म है। वजनी महावीर फोगाट के रूप में उनका कायांतरण दर्शनीय है। पिता, कोच और अपने सपने साकार की बेचैनी दिल में लिए सालों से जी रहे शख्स की भूमिका को उन्होंने जीवंत बना दिया है। पर्दे पर आमिर ख़ान नहीं, महावीर फोगाट नजर आते हैं। पहलवानों की बॉडी लैंग्वेज और हरियाणवी लहजे को जिस सूक्ष्मता के साथ पकड़ा है वो काबिल-ए-तारीफ़ है। अपने किरदार को उन्होंने धीर-गंभीर लुक दिया है। उन्होंने नए कलाकारों पर हावी होने के बजाय उन्हें भी उभरने का अवसर दिया है। यह बॉलीवुड की अब तक सबसे अधिक कमाई (लगभग 380 करोड़ रुपये सिर्फ भारत में) करने वाली फ़िल्म हैं। दंगल दुनिया भर में 2016 की 30वीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई और अब तक की पांचवीं सबसे ज्यादा कमाई वाली गैर-अंग्रेजी फिल्म है। 62वें फिल्मफेयर अवार्ड्स में, इसने सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता सहित चार पुरस्कार जीते।

आमिर ख़ान की अन्य महत्वपूर्ण फ़िल्में

क़यामत से क़यामत तक, तलाश, रंगीला, हम है राही प्यार के, दिल है कि मानता नहीं, सीक्रेट सुपरस्टार, 1947 अर्थ, ग़ुलाम, ग़जनी, फ़ना, राख, इश्क़, दिल, बाज़ी, मंगल पांडे, राजा हिन्दुस्तानी, मन और अकेले हम अकेले तुम। {अपडेट दिनांक:- 12 सितंबर 2024}

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