02/04/2025

आशीर्वाद (1968)

आशीर्वाद / Aashirwad (1968)

शैली- ड्रामा (2 घंटे 26 मिनट) रिलीज- 1968

निर्माता- एन सी सिप्पी  निर्देशक- ऋषिकेश मुखर्जी

लेखक- अनिल घोष संवाद- गुलज़ार

गीतकार- गुलज़ार  संगीतकार- वसंत देसाई

संपादन– ऋषिकेश मुखर्जी  सिनेमैटोग्राफ़ी– टी. बी.  सीताराम

मुख्य कलाकार

  • अशोक कुमार –  शिवनाथ ‘जोगी ठाकुर’ चौधरी
  • संजीव कुमार – डॉक्टर बिरेन
  • सुमिता सान्याल नीना ‘बिट्टू’ एस चौधरी
  • वीणा – लीला एस चौधरी “रानी माँ”
  • सज्जन- रामदास मुनीमजी
  • हरीन्द्रनाथ चट्टोपाध्याय- बैजू ढोलकिया
  • पदमा खन्ना- रुक्मणी

कथावस्तु

फ़िल्म में जोगी ठाकुर (अशोक कुमार) को अपनी पत्नी लीला चौधरी (वीणा) के पिता की संपत्ति प्राप्त होती है, हालांकि उसपर वश उनकी पत्नी का ही होता है, जोगी ठाकुर, ज़मींदार जैसा व्यवहार बिल्कुल नहीं रखते और सभी तबके के लोगों के साथ मिलते जुलते रहते हैं। एक बार उनकी जानकारी के बिना, उनसे कुछ कागज़ों पर धोखे से दस्तख़त लेकर , ग़रीबों की बस्ती में आग लगा दी जाती है। इससे दुखी होकर जोगी ठाकुर, अपने घर से चले जाते हैं, कभी न लौटकर आने के लिए। पीछे छूट जाती है उनकी बेटी नीना (सुमिता सान्याल)।

जोगी ठाकुर को हमेशा नीना की याद आती रहती है और एक बच्ची, जो उन्हें पार्क में दिखती है और उसका भी नाम नीना ही होता है, इनसे बहुत जुड़ जाती है लेकिन बीमारी के कारण वह गुज़र जाती है, इसके बाद परिस्थितियों के जंजाल में पड़कर, हत्या के आरोप में, जोगी ठाकुर, जेल चले जाते हैं और वहीं माली का काम करते हैं। जेल में डॉ० बीरेन (संजीव कुमार) इनकी कविताएं सुनते हैं और उन्हें इनसे लगाव हो जाता है। एक दिन अचानक, जोगी ठाकुर को पता चलता है कि डॉ० बीरेन की शादी, उनकी बेटी सुमिता सान्याल (नीना) से ही होने वाली होती है। अपनी बेटी को आशीर्वाद देने के लिए, जोगी ठाकुर तड़प उठते हैं और हृदयविदारक स्थितियों में आशीर्वाद देने जाते भी हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।”

गीत-संगीत

इस फिल्म का संगीत वसंत देसाई और गीत गुलज़ार साहब ने लिखे। “रेलगाड़ी रेलगाड़ी” वाला गीत हरीन्द्रनाथ चट्टोपाध्याय ने लिखा था

  1. एक था बचपन- लता मंगेशकर
  2. रेल चली छुक छुक छुक छुक – अशोक कुमार
  3. जीवन से लंबे हैं बंधु ये जीवन के रास्ते – मन्ना डे
  4. झिरझिर बरसे – लता मंगेशकर
  5. साफ करो इंसाफ करो – आशा भोसले, मन्ना डे, अशोक कुमार
  6. कन्नों की एक नागरी थी – अशोक कुमार, हरीन्द्रनाथ चट्टोपाध्याय
  7. नाव चली – अशोक कुमार

सम्मान एवं पुरस्कार

इस फ़िल्म को 1 फ़िल्मफेयर और 2 राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से नवाजा गया।

  • राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (1969)-
    • सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फ़िल्म – एन सी सिप्पी
    • सर्वश्रेष्ठ अभिनेता– अशोक कुमार
  • फ़िल्मफेयर पुरस्कार (1969)-
    • सर्वश्रेष्ठ अभिनेता– अशोक कुमार

रोचक तथ्य

  • इस फ़िल्म का गाना, “रेलगाड़ी रेलगाड़ी”, अशोक कुमार ने गाया और कई जगहों पर इसे भारत का पहला रैप भी कहा गया है। इस गीत को महान साहित्यकार, हरीन्द्रनाथ चट्टोपाध्याय ने लिखा था, जो इस फ़िल्म में “बैजू ढोलकिया” के किरदार में थे।

ऑनलाइन उपलब्ध है / Available on Online 

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