भारत का पहला टीवी सीरियल- ‘हम लोग’
1 min readभारत में फिल्मों का विधिवत निर्माण 1950-60 के दशक में शुरू हो गया था, लेकिन टीवी सीरियल्स के निर्माण में लंबा वक्त लगा। टीवी सीरियल्स की शुरुआत 1980 के दशक में हुई। पहला भारतीय टीवी सीरियल ‘हम लोग’ (Hum Log) था दो साल 1984 को दूरदर्शन पर प्रदर्शित हुआ। इस सीरियल को पी.कुमार वासुदेव ने निर्देशित किया था, जिसे मनोहर श्याम जोशी ने लिखा था। ये सीरियल एक मध्यम वर्गीय परिवार के संघर्ष की कहानी पर आधारित था।
‘हम लोग’ भारत का पहला टीवी धारावाहिक
7 जुलाई 1984 को भारत के राष्ट्रीय नेटवर्क दूरदर्शन पर इसका प्रसारण शुरू हुआ, जो उस समय भारत का एकमात्र टेलीविजन चैनल था। यह अस्सी के दशक के एक भारतीय मध्यमवर्गीय परिवार और उसके दैनिक संघर्षों और आकांक्षाओं की कहानी है। हम लोग के 154 एपिसोड थे और यह सीरियल 17 दिसंबर 1985 तक दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ था।
इसे शैक्षिक-मनोरंजन पद्धति का उपयोग करके एक मैक्सिकन टेलीविजन श्रृंखला वेन कॉनमिगो (1975) की तर्ज पर बनाया गया था। 1982 में मैक्सिको की यात्रा के बाद टीवी श्रृंखला का विचार तत्कालीन सूचना और प्रसारण मंत्री वसंत साठे के मन में आया। जल्द ही ‘हम लोग’ के लिए लेखक मनोहर श्याम जोशी ने पटकथा लिखी और फिल्म निर्माता ‘पी कुमार वासुदेव’ ने इस श्रृंखला का निर्देशन किया। शीर्षक संगीत ‘अनिल बिस्वास’ द्वारा दिया गया था।
हर एपिसोड के अंत में, महान अभिनेता अशोक कुमार (Ashok Kumar) हिंदी दोहों और चुटकुलों का उपयोग करते हुए कहानी की स्थितियों पर टिप्पणी किया करते। बाद के एपिसोड्स में दादा मुनि ने उन अभिनेताओं को पेश किया जिन्होंने धारावाहिक में विभिन्न पात्रों की भूमिका निभाई। अपनी बात का अंत “हम लोग” शब्दों को विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद कर किया करते।
‘हम लोग’ के कलाकार
- अशोक कुमार – नैरेटर के रूप में
- विनोद नागपाल – बसेसर राम के रूप में: शराबी पिता
- जयश्री अरोड़ा – भगवती के रूप में : मां, एक गृहिणी
- राजेश पुरी – ललित प्रसाद उर्फ़ लल्लू के रूप में : सबसे बड़े बेटे, बेरोजगार और नौकरी की तलाश में
- अभिनव प्रकाश चतुर्वेदी – चंदर प्रकाश उर्फ़ नन्हे के रूप में : छोटे बेटे, एक क्रिकेटर बनने की ख्वाहिश
- सीमा पाह्वा – गुनवंती उर्फ़ बड़की के रूप में, एक सामाजिक कार्यकर्ता
- दिव्या सेठ – रूपवंती उर्फ़ मंझली के रूप में, एक अभिनेत्री बनने की ख्वाहिश रखती हैं
- लवलीन मिश्रा – प्रीति के रूप में, एक डॉक्टर बनने की ख्वाहिश रखती हैं
- लहरी सिंह – दादाजी के रूप में : सेवानिवृत्त सैनिक
- सुषमा सेठ – इमरती देवी के रूप में : दादी
- रेणुका इसरान – उषा रानी, लल्लू की पत्नी के रूप में
- कामिया मल्होत्रा – कामिया लाल के रूप में
- आसिफ शेख – प्रिंस अजय सिंह के रूप में
- मनोज पाह्वा – टोनी के रूप में : मंझली के साथ काम करता है
- सुचित्रा (श्रीवास्तव) चितले – लाजवंती उर्फ़ लज्जो के रूप में
- कविता नागपाल – संतो ताई के रूप में
- डॉ अश्विनी कुमार – अश्विनी कुमार के रूप में
- राजेंद्र घुगे – इंस्पेक्टर सदानंद समदर के रूप में
- अपर्णा कटारा – डॉ अपर्णा के रूप में
- एस एम ज़हीर – सुधीर के रूप में
- विश्वमोहन बडोला – संगीत शिक्षक के रूप में
‘हम लोग’ के बाद शुरू होने वाले सीरियल
‘विक्रम और बेताल’ / Vikram Aur Betal
यह महाकवि सोमदेव भट्ट की ‘बेताल पच्चीसी’ पर आधारित था, जो 13 अक्टूबर 1985 को दूरदर्शन पर ऑन एयर हुआ था। इसमें बेताल रोज राजा विक्रम को कहानियां सुनाता था और शर्त ये थी कि अगर राजा बोलेगा तो वह उससे रूठकर भाग जाएगा लेकिन बेताल हर कहानी के अन्त में राजा से ऐसा प्रश्न कर देता है कि राजा को उत्तर देने के लिए बोलना ही पड़ता था। प्रोग्राम के दूरदर्शन पर 26 एपिसोड आए थे, जिसे बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी पसंद कर रहे थे।
‘बुनियाद’ / Buniyaad
टीवी के सबसे पुराने और अपने समय का सबसे पॉपुलर सीरियल में से एक था। मई, 1986 में प्रसारित हुए इस सीरियल की कहानी भारत-पाकिस्तान के बँटवारे पर आधारित थी। इसका निर्देशन शोले जैसी कालजयी फ़िल्म बनाने वाले रमेश सिप्पी और ज्योति ने किया था और मनोहर श्याम जोशी इसके लेखक थे। इसकी डिमांड के कारण कई निजी चैनलों ने इसे दोबारा दिखाया था।
‘रामायण’ / Ramayana
‘रामायण (RAMAYAN)’ भारतीय टेलीविजन के इतिहास के सबसे लोकप्रिय सीरियल में से एक है। 25 जनवरी 1987 को दूरदर्शन पर पहली बार रामायण का दिखाया गया था। निर्देशक रामानंद सागर की ‘रामायण’ को दर्शकों का ज़बरदस्त प्यार मिला था। जब यह सीरियल टीवी पर आता था तो गाँव-शहरों में कर्फ्यू जैसा माहौल हो जाता था। रामायण सीरियल में अरुण गोविल ने राम और दीपिका चिखलिया ने सीता का किरदार निभाया था। इसे साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान दूरदर्शन ने दोबारा दिखाकर यादें ताजा कर दी थी।
‘मालगुडी डेज़’/ Malgudi Days
‘मालगुडी डेज’ आर के नारायण की कृति पर आधारित सीरियल है। मालगुड़ी डेज़ 80 के दशक के सबसे पुराने और लोकप्रिय सीरियल में से एक है। इसकी शुरुआत 1987 में हुई थी और इसमें 39 एपिसोड थे। इस सीरियल में स्वामी एंड फ्रेंड्स तथा वेंडर ऑफ स्वीट्स जैसी कहानियां शामिल थीं। बाद में यह सीरियल ‘मालगुडी डेज़ रिटर्न’ नाम से दोबारा आया था। बच्चों के बीच यह सीरियल सुपरहिट था।