राम मंदिर पर फ़िल्म बनाएंगी कंगना, नाम होगा ‘अपराजित अयोध्या’
1 min readबॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री कंगना रानौत (Kangana Ranaut) ने हाल ही में राम मंदिर भूमि पूजन के मौके पर दिए एक साक्षात्कार में अपने मेगा इवेंट के बारे में बात की और बताया कि कैसे उनकी अगली निर्देशित फ़िल्म ‘अपराजिता अयोध्या’ (Aparajita Ayodhya) राम मंदिर की पूरी छह शताब्दी पुरानी यात्रा का वर्णन करेगी। अब कंगना रानौत ने भी ऐतिहासिक पल पर अपनी बात कही है जो वास्तव में भारत के इतिहास में मंदिर को लेकर घटी सच्ची घटनाओं के तह तक जाएगी। कंगना से जब पूछा गया कि वह कैसा महसूस करती हैं, तो कंगना ने गर्व से जवाब दिया, ‘राम मंदिर सिर्फ एक मंदिर नहीं है, बल्कि एक भावना है। मेरे लिए अयोध्या बहुत प्रतीकात्मक है और पिछले 500-600 वर्षों की यह यात्रा जो हमारे पास एक सभ्यता के रूप में है, मेरे लिए बहुत ही रोमांचक है।’ अपराजिता अयोध्या’ को कंगना रानौत के बैनर ‘मणिकर्णिका फ़िल्म्स’ के तहत बनाया जाएगा।
‘बाहुबली’ फेम के.वी. विजयेन्द्र प्रसाद लिखेंगे ‘अपराजित अयोध्या’ की कहानी
कंगना राम मंदिर की 600 साल पुरानी यात्रा पर फ़िल्म बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिसे वह निर्देशित भी करेंगी। मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी के बाद, लेखक के.वी. विजयेंद्र प्रसाद कंगना के साथ ‘अपराजिता अयोध्या’ के लिए फिर से जुड़ेंगे। वह कहती है, ‘राम मंदिर का बाबर द्वारा आक्रमण किए जाने और ध्वस्त होने पर भी 600 वर्षों का संघर्ष रहा है। इसके बाद 72 लड़ाइयां लड़ी गईं और प्रथम विद्रोह के दौरान भी अंग्रेजों ने मंदिर का उपयोग हिंदुओं और मुस्लिमों को विभाजित करने के लिए था क्योंकि हिंदू और मुसलमान स्वतंत्रता के लिए मिलकर लड़ रहे थे और यह उन्हें विभाजित करने का एक प्रयास थाl’
कंगना आगे बताती हैं कि आज का प्रतिष्ठित पल भी उनके निर्देशन में बनी फ़िल्म की एक कड़ी होगी। वह कहती है, ‘मेरी फ़िल्म में कई वास्तविक मुस्लिम किरदार हैं, जिन्होंने राम मंदिर के पक्ष में लड़ाई लड़ी है। इसलिए यह देश में भक्ति, विश्वास और सबसे ऊपर, एकता की कहानी है। राम राज्य एक धर्म से परे है और यही अपराजिता अयोध्या है। यह बहुत कठिन स्क्रीनप्ले है क्योंकि यह 600 वर्षों में यात्रा दर्शाता है और राम मंदिर का भूमि पूजन बहुत हद तक मेरी फ़िल्म का हिस्सा होगा। विजयेंद्र सर ने इसे एक सुंदर तरीके से एक साथ रखा है। आज के दिन हम लोगो लॉन्च कर सकते थे, क्योंकि आज एक आदर्श दिन है। फिर भी हमें बहुत उम्मीद है कि हम बहुत जल्द ही फ़िल्म की शूटिंग शुरू कर सकेंगे। मैं अपने अभिनेताओं को फ़िल्म की कहानी सुनाने के लिए बेकरार हूं।’ कंगना रनोट अभिनय, निर्देशन और निर्माण के बीच अपने समय को संतुलित कर रही हैं।’
कंगना ने यह भी कहा कि अपराजित अयोध्या भक्तों के अटूट विश्वास को श्रद्धांजलि अर्पित करेगी और ये भी बताएगी कि कैसे ये देश “आस्थावानों का देश” बना रहा। उन्होंने कहा कि ‘मैंने भक्तों को बारिश से बचने से मना करते हुए देखा जो ये तर्क देते कि अगर राम लला बाहर ठंड में भीग रहे हैं तो वो कैसे खुद को सूखा रख सकते हैं।’ “हमारी एकता और धर्मनिरपेक्षता की भावना को खत्म करने के सभी प्रयासों के बावजूद, हम आस्थावानों का एक राष्ट्र बने रहे और अपराजित रहे और इसलिए शीर्षक में ‘अपराजित’ लगाया गया है।’
कंगना ही निर्माण एवं निर्देशन की कमान संभालेगी
कंगना रानौत ने फ़िल्म मणिकर्णिका से डायरेक्शन डेब्यू किया था। अब वो प्रोडक्शन में भी अपना डेब्यू करने जा रही हैं। कंगना ने मणिकर्णिका के नाम से प्रोडेक्शन हाउस खोला है। अब पहली फ़िल्म प्रोड्यूस करने जा रही हैं। एक इंटरव्यू के दौरान कंगना ने बताया कि पहले मैं इस फ़िल्म को डायरेक्ट नहीं करने वाली थी। मैंने इस पर कॉन्सेप्ट लेवल से काम शुरू किया। मैं चाहती थी कि इस फ़िल्म को मैं सिर्फ प्रोड्यूस करूं लेकिन डायरेक्ट कोई और करे। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं बिजी थी, इसके चलते निर्देशन के बारे में सोच भी नहीं सकती थी, लेकिन फिर मैंने स्क्रिप्ट देखी जो ऐतिहासिक प्लॉट पर थी। मैं पहले भी ऐसा प्रोजेक्ट कर चुकी हूं। मेरे पार्टनर्स भी यही चाहते थे कि फ़िल्म को मैं ही निर्देशित करूं। इसके बाद मैंने भी सोचा कि अगर मैं निर्देशक बनूं तो यह फ़िल्म के लिए अच्छा होगा। निर्देशन को लेकर कंगना ने कहा कि यह मुझे नर्वस नहीं करता है। मुश्किल तब होती है कि आप किसी और के नजरिए को लेकर चलें और उसमें अपना नजरिया भी ढूंढें। इस फ़िल्म में मैंने शुरुआत से ही काम किया है। जब आप अपनी सोच को लेकर स्पष्ट होते हैं तो चीजें आपके लिए आसान हो जाती हैं। इस फ़िल्म में मेरा पूरा फोकस फ़िल्म मेकर के तौर पर ही है। मेरे लिए यह कोई कंट्रोवर्शियल प्रोजेक्ट नहीं है। मैं इसे प्रेम, विश्वास और एकता की कहानी के रूप में देखती हूं, और सबसे ऊपर यह देवत्व की कहानी है।
बता दें कि 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या राम मंदिर केस पर अपना फैसला दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने ASI (भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण) का हवाला देते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद का निर्माण किसी खाली जगह पर नहीं किया गया था। विवादित जमीन के नीचे एक ढांचा था और ये इस्लामिक ढांचा नहीं था। अत: विवादित जमीन पर रामलला का हक होगा। 5 अगस्त, 2020 को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूमि पूजन किया।