नहीं रहे मिल्खा सिंह, अपनी बायोपिक ‘भाग मिल्खा भाग’ के लिए लिया था सिर्फ 1 रुपया
1 min readभारत के महान धावक मिल्खा सिंह इस दुनिया में नहीं रहे। कोरोना के कारण उनका निधन 91 साल की उम्र में हो गया। परिवार के मुताबिक, मिल्खा सिंह ने 18 जून, 2021 को रात 11:30 पर अपनी आखिरी सांस ली। कुछ ही दिन पहले उनकी पत्नी व भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर का भी कोरोना के कारण निधन हो गया था। मिल्खा सिंह के निधन से हर कोई दु:खी है। बॉलीवुड के कई सेलेब्स ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है। फ्लाइंग सिख के नाम से पॉपुलर मिल्खा सिंह पर ‘भाग मिल्खा भाग’ (Bhag Milkha Bhag) फिल्म भी बन चुकी है जिसमें फ़रहान अख्तर ने मिल्खा सिंह की भूमिका निभाई।
कोरोना के कारण हुआ निधन
17 जून को मिल्खा सिंह को बुखार आया। 18 जून की सुबह ऑक्सीजन का लेवल गिर गया। शाम 4 बजे ऑक्सीजन सेचुरेशन 80 से 70 रह गया। ब्लड प्रेशर लेवल 70/30 हो गया। शाम 6 बजे BP और गिर गया। रात 11 बजे ब्लड प्रेशर लेवल 39/20 रह गया था। डॉक्टरों का कहना है कि उनके फेफड़े 80% डैमेज हो गए थे। मिल्खा सिंह को बुधवार से ही सांस लेने में बहुत ज्यादा दिक्कत हो रही थी। उनकी मौत की वजह भी यही रही। डॉक्टर के मुताबिक ऐसी हालत में कोई युवा भी एक घंटा जीवित नहीं रह सकता, लेकिन दिग्गज धावक ने अंतिम सांस तक मौत से लड़ाई लड़ी।
बायोपिक के लिए आसानी से नहीं माने थे मिल्खा
भारतीय सिनेमा में खिलाड़ियों की बायोपिक का काफी चलन बन गया है। ऐसे में कई लोगों ने यह कोशिश की कि वह मिल्खा सिंह की बायोपिक बनाएं। हालांकि, 1960 के दशक के बाद मिल्खा सिंह की सिनेमा में कोई रुचि नहीं रही थी, इसलिए उन्होंने हर बार अपनी बायोपिक के लिए इनकार किया। खुद मिल्खा सिंह ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था। मिल्खा सिंह ने कहा था कि कई सालों से फिल्म से जुड़े लोग उनसे संपर्क कर रहे थे। कई फिल्ममेकर्स उनकी जिंदगी को सिनेमाई पर्दे पर दिखाना चाहते थे हालांकि, मिल्खा सिंह कभी भी अपनी बायोपिक को लेकर सीरियस नहीं रहे और उन्होंने हर उस शख्स से फिल्म के लिए मना किया, जो उनके पास ऑफर लेकर पहुंचा।
मिल्खा सिंह के बेटे जीव मिल्खा सिंह को फिल्मों का बहुत शौक था। मिल्खा सिंह ने बताया था कि जीव जब भी फ्लाइट में बोर होते तो वह फिल्में देख लिया करते थे। एक दिन जीव ने ओम प्रकाश मेहरा की फिल्म ‘रंग दे बसंती’ (Rang De Basanti) देखी और उन्हें लगा कि मेहरा ही वह निर्देशक हैं, जो उनके पिता यानी मिल्खा सिंह पर फिल्म बना सकते हैं। उस समय राकेश ओम प्रकाश मेहरा (Rakesh Om Prakash Mehra) भी मिल्खा सिंह पर फिल्म बनाना चाहते थे, लेकिन मिल्खा सिंह इसके लिए हां नहीं कर रहे थे। बेटे के काफी समझाने के बाद मिल्खा सिंह माने और उन्होंने भाग मिल्खा भाग के लिए हामी भरी। मिल्खा सिंह ने फिल्म के प्रमोशन के दौरान कहा था कि मुझे खुशी है कि मैंने अपने बेटे की बात मानी और फिल्म वाकई में बहुत अच्छी बनी। याद रहे फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट रही और 100 करोड़ से अधिक रुपये कमाये।
बायोपिक के लिए 1 रुपया लिया
‘भाग मिल्खा भाग’ फिल्म 2013 में रिलीज हुई थी। दरअसल, मिल्खा सिंह की बेटी सोनिया सांवलका ने उनके जीवन पर ‘रेस ऑफ माई लाइफ’ नाम से किताब लिखी थी। जिसके बाद फिल्म निर्माता राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने मिल्खा सिंह के जीवन पर फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ बनाने निर्णय लिया। आपको जानकर ये हैरानी होगी कि अपनी बायोपिक के लिए स्टार्स जहां करोड़ों रुपए लेते हैं, वहीं इस फिल्म के लिए मिल्खा सिंह ने मेकर्स ने केवल एक रुपया लिया था। लेकिन ये एक रुपए का नोट काफी स्पेशल था। मेकर्स मिल्खा सिंह को कुछ स्पेशल और यादगार तोहफा देना चाहते थे। ऐसे में उन्होंने मिल्खा सिंह को 1958 में छपा एक रुपये का नोट दिया था। 1958 में ही मिल्खा सिंह ने आजाद भारत के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स में पहला गोल्ड मेडल जीता था। एक रुपये का ये नोट पाकर मिल्खा भावुक हो गए थे। उनके लिए एक रुपए का वो नोट किसी बेशकीमती याद की तरह था।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के जीवन पर ‘एमएस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी’ फिल्म बनी थी। ये फिल्म साल 2016 में रिलीज हुई थी। इसमें सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajpoot) ने उनका किरदार निभाया था। खबरों के मुताबिक, अपनी इस बायोपिक के लिए धोनी ने मेकर्स से मोटी रकम वसूल की थी। धोनी ने फिल्म के लिए 45 करोड़ रुपये लिए थे। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) की लाइफ पर भी ‘सचिन अ बिलियन ड्रीम्स’ फिल्म बन चुकी है। खबर है कि इस फिल्म के लिए सचिन ने 35 से 38 करोड़ रुपए लिए थे।