13/04/2025

फ़िल्म समीक्षा: स्काई फ़ोर्स

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संदीप केवलानी और अभिषेक अनिल कपूर निर्देशित ‘स्काई फोर्स’ में अभिनेता अक्षय कुमार, निमरत कौर, वीर पहाड़िया, सारा अली खान के साथ शरद केलकर, मोहित चौहान और मनीष चौधरी भी मुख्य भूमिका में हैं। एक्शन ड्रामा फिल्म की कहानी 1965 के भारत-पाकिस्तान हवाई युद्ध में पाकिस्तान के सरगोधा एयरबेस पर भारत के हमले पर आधारित है, जो भारत की पहली एयर स्ट्राइक थी।

‘स्‍काई फ़ोर्स’ की कहानी

‘स्काई फोर्स’ स्कवार्डन लीडर टी विजय (वीर पहाड़िया) के सर्वोच्च बलिदान की कहानी पर आधारित है। 1965 की भारत-पाक जंग के दौरान पाकिस्तान ने अमेरिका से मिले एडवांस फाइटर प्लेन से भारतीय वायुसेना के ठिकानों पर जोरदार हमला बोलकर भारी नुकसान पहुंचाया। विंग कमांडर केओ आहूजा (अक्षय कुमार) को अपनी टीम के साथ जवाबी हमला करने की जिम्मेदारी मिलती है। हालांकि, उस दौरान भारतीय वायुसेना के पास पाकिस्तान के एडवांस लड़ाकू जहाजों के मुकाबले कम ताकत वाले लड़ाकू जहाज थे। बावजूद इसके विंग कमांडर आहूजा और उनकी टीम ने पाकिस्तान के बेहद मजबूत माने जाने वाले सरगोधा एयरबेस पर सरप्राइज अटैक करके मौजूद कई फाइटर प्लेन को तबाह कर दिया। इस मिशन के दौरान स्कवार्डन लीडर टी विजय लौटकर बेस पर नहीं आए। उनके जहाज के नष्ट होने की खबर आई, लेकिन टी विजय की कोई जानकारी नहीं मिली। इस सफल मिशन के लिए विंग कमांडर आहूजा और उनकी टीम के साथियों को वीरता पदक से सम्मानित किया गया, लेकिन वह अपने साथी टी विजय को भुला नहीं पाए और उनको तलाशने में जुटे रहे।

‘स्‍काई फ़ोर्स’ की समीक्षा

सच्ची ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित फ़िल्में मुझे बहुत पसंद आती है। ये भी उन्हीं में से एक है। 700 करोड़ कमाने वाली बेसिर पैर की मसाला फिल्मों के बीच बॉलीवुड की एक शानदार पेशकश है स्काई फोर्स। निर्माता दिनेश विजन की कम्पनी मैडोक फिल्म्स के बैनर तले बनी एक और शानदार फ़िल्म। भारतीय वायुसेना के 2 जाबांज ऑफीसर की कहानी है। पाकिस्तान ने जब 1965 युद्ध में हमारे एयरबेस पर हमला करके भारी क्षति पहुंचाई थी तब भारतीय सेना ने इतिहास की पहली एयर स्ट्राइक की थी। उसी ऐतिहासिक घटना को आधार को बनाकर फ़िल्म मेकर्स ने अच्छी कहानी बुनी है जो अंत तक बांधे रखती है। एयरफोर्स की वर्दी में अक्षय कुमार जंचते है और उनका देशभक्ति वाला अंदाज भी एक बार फिर से बेहतरीन लगा है। उनके साथ में वीर पहाड़िया की ये पहली फ़िल्म है और उनका काम भी बेहतरीन है। सारा अली खान और शरद केलकर ने भी अच्छा अभिनय किया है। अक्षय की पत्नी के रूप में निमरत कौर ने कैमियो किया है।

इतना ही कहूंगा कि ऐसी फ़िल्में फ्लॉप नहीं होनी चाहिए वरना कोई निर्माता नुकसान उठाकर देश के असली हीरो पर फ़िल्म नहीं बनाएगा और हम इन हीरो के कारनामे कभी नहीं जान पायंगे। फ़िल्म में देशभक्ति का जबरदस्त तड़का है लेकिन फ़िल्म पढ़ी लिखी जनता के लिए है। कई जगह इंग्लिश संवाद है और इंटरवल के बाद थोड़ी सी धीमी होती है लेकिन वहाँ सस्पेस बनाया जाता है जो क्लाइमेक्स के लिए जरूरी था। फ़िल्म का क्लाइमेक्स सबसे मजबूत पक्ष है जो आपकी आंखे भी नम कर सकता है। फ़िल्म के गाने इमोशनल करते हैं जो कहानी का असर भी बढ़ाते हैं।

देखें या न देखें

देशभक्ति पर आधारित फिल्में देखने के शौकीन इस फिल्म को एक बार जरूर देख सकते हैं। एबी देवैया की प्रेरक कहानी के एक अंश को भी इसमें देखा जा सकता है। देश के 2 जाबांज ऑफीसर की सच्ची कहानी को जानने के लिए ये फिल्म अवश्य देखनी चाहिए। ⭐⭐⭐1/2 ~गोविन्द परिहार  (24.01.25)

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