21/11/2024

14 साल में बनी थी मुग़ल-ए-आज़म

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भारतीय सिनेमा की सबसे महंगी और कामयाब क्लासिक फिल्मों की अगर फेहरिस्त तैयार की जाए तो दो राय नहीं कि नंबर एक पर और कोई नहीं मुग़ल-ए-आज़म (Mughal-e-Azam) ही रखी जाएगी। दिलीप कुमार (Dilip Kumar), मधुबाला (Madhubala) और पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj Kapoor) की सदाबहार फ़िल्म 5 अगस्त 1960 को रिलीज हुई थी। उस वक्त मुग़ल-ए-आज़म की लागत 1.5 करोड़ थी। मुग़ल-ए-आज़म को जीनत अमान के पिता अमानुल्लाह ख़ान, कमाल अमरोही, वजाहत मिर्ज़ा और एहसान रिज़वी ने मिलकर लिखा था।

‘मुग़ल-ए-आज़म’ को बनने में लगे 14 साल

मधुबाला (फ़िल्म- मुग़ले आज़म)

‘मुग़ल-ए-आज़म’ को बनाने में 14 साल लगे थे। ये फिल्म उस वक़्त बननी शुरू हुई जब हमारे यहां अंग्रेजों का राज था। शायद ये एक कारण भी हो सकता है जिसके चलते इसको बनाने में इतना वक़्त लगा। आजादी से पहले 1946 में मुग़ल-ए-आज़म की शूटिंग शुरू हो चुकी थी। आजादी के बाद हुए दंगों के चलते फिल्म के फाइनेंसर सिराज अली पाकिस्तान चले गए। के. आसिफ की फिल्म बिना पैसाें के रुक गई। पृथ्वीराज के कहने पर शपूरजी फिल्म के फाइनेंसर बने और तब फिल्म को पैसा मिलना शुरू हुआ। वैसे शपूरजी की दिलचस्पी के पीछे एक कहानी ये भी है कि शपूरजी अकबर की शख्सियत के दीवाने थे। आसिफ तो सलीम-अनारकली की मोहब्बत के कायल थे, जिसकी वजह से उन्होंने फिल्म बनाना शुरू किया, लेकिन शपूरजी की दिलचस्पी अकबर की वजह से जागी थी। हालांकि, शपूरजी फिल्म के इकलौते फाइनेंसर नहीं थे। इसके भव्य सेट, बेजोड़ गीत-संगीत, छायांकन, नृत्य निर्देशन, निर्देशन, संवाद, स्क्रीनप्ले सब अजूबा ही है। इस दौरान इसके निर्माण से जुड़ा हर आर्टिस्ट और आर्टिसन आकंठ समर्पित रहा।

2 साल में तैयार हुआ शीश महल सेट

शीशमहल सेट (फ़िल्म- मुग़ले आज़म)

बहुचर्चित शीश महल के सेट पर सबसे ज्यादा खर्च हुआ। शीश महल के सेट को बनाने में पूरे दो साल लगे। इसमें इस्तेमाल हुआ ज्यादातर शीशा खासतौर से बेल्जियम से मंगाया गया। फिरोजाबाद से आए बीसियों विशेषज्ञ क्राफ्ट्समैन और आर्टिसन इसे तराशने में दिन-रात लगे रहे। शापूरजी को यकीन था कि वह कोई मामूली फिल्म नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक कृति बनाने जा रहे हैं। समय और खर्च की तो खैर उन्हें परवाह थी नहीं।आखिर में शीशमहल का सेट तैयार हो गया।

105 बार लिखा गया ‘प्यार किया तो डरना क्या…’  

शीश महल सेट पर मधुबाला के साथ शूट किया गया गाना- प्यार किया तो डरना क्या… शकील बंदायूनी ने लिखा है। म्यूजिक डायरेक्टर नौशाद का अप्रूवल मिलने से पहले इसे 105 बार लिखा गया था। यह गाना 10 लाख में शूट किया गया था, जबकि इससे कम में एक पूरी फिल्म बन जाया करती थी। मिक्सिंग जैसी सुविधाएं न होने के कारण नौशाद ने गाने में गूंज लाने के लिए लता के साथ इसे स्टूडियो के वॉशरूम में रिकॉर्ड किया था।

सेना के 2000 ऊंट, 400 घोड़े और 8000 सैनिकों ने शूटिंग में हिस्सा लिया

मुग़ल-ए-आज़म में सलीम और अकबर के बीच युद्ध का सीन भारतीय सेना की 56 जयपुर रेजीमेंट के 2000 ऊंट, 400 घोड़े और 8000 सैनिकों के साथ शूट किया गया था। यह सीन भारतीय रक्षा मंत्रालय की खास परमिशन के साथ फिल्माया गया था, जो अब लगभग असंभव है।

स्रोत / सन्दर्भ

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