सोनाक्षी सिन्हा, मनीषा कोइराला, हुमा कुरैशी स्टारर ‘हीरामंडी’ पर नेटफ्लिक्स ने खर्च किए 200 करोड़
1 min readदिग्गज फ़िल्म निर्माता संजय लीला भंसाली अपनी बहुप्रतिक्षित वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ (Heeramandi) के साथ डिजीटल वर्ल्ड में एंट्री लेने जा रहे हैं। हीरामंडी नेटफ्लिक्स की अब तक की सबसे महंगी वेब सीरीज में से एक होने वाली है। वहीं नेटफ्लिक्स भी संजय लीला भंसाली की हीरामंडी को लेकर बहुत उत्साहित है। नेटफ्लिक्स ने भंसाली की हीरामंडी के लिए दिल खोलकर पैसा खर्च किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक निर्देशक संजय लीला भंसाली की फ़ीस सहित हीरामंडी पर नेटफ्लिक्स ने तकरीबन 200 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
हीरामंडी का सिर्फ 1 एपिसोड ही डायरेक्ट करेंगे संजय लीला भंसाली
फ़िल्म इंडस्ट्री से जुड़े विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, “संजय लीला भंसाली को वेब सीरीज हीरामंडी के एक एपिसोड को डायरेक्ट करने के लिए करीब 60-65 करोड़ रुपये मिल रहे हैं। बाकी का 200 करोड़ रुपये का बजट हीरामंडी के प्रोडक्शन और अन्य कलाकारों की फ़ीस पर खर्च होना है।” सुनने में आया है कि सोनाक्षी सिन्हा, मनीषा कोइराला, हुमा कुरैशी और ऋचा चड्ढा ने हीरामंडी में काम करने के लिए अपनी फ़ीस में भी कटौती की है। हीरामंडी के लिए मेल लीड एक्टर्स की कास्टिंग अभी की जा रही है।
हीरामंडी के 1 एपिसोड को जहां भंसाली डायरेक्ट करेंगे वहीं बाकी के 6 एपिसोड को मिताक्षरा कुमार डायरेक्ट करेंगी। “भंसाली के प्रोडक्शन में बनने वाली हीरामंडी के फ़र्स्ट एपिसोड का जहां संजय लीला भंसाली खुद डायरेक्ट करने वाले थे वहीं इसके बाकी के 6 एपिसोड्स को विभु पुरी डायरेक्ट करने वाले थे लेकिन अब विभु पुरी इसके 6 एपिसोड डायरेक्ट नहीं करेंगे बल्कि उनकी जगह मिताक्षरा कुमार, जिन्होंने बाजीराव मस्तानी (Bajirao Mastani) और पद्मावत (Padmavat) में भंसाली के सहयोगी निर्देशक के रूप में काम किया था, हीरामंडी को डायरेक्ट करेंगी।”
आपको बता दें कि, हीरामंडी एक कॉस्ट्यूम ड्रामा वेब सीरीज है जो वेश्याओं की जिंदगी के इर्द-गिर्द घूमती है जिनकी नियति आपस में जुड़ी हुई है। इसमें बॉलीवुड की कई बड़ी अभिनेत्रियाँ एक साथ नजर आएंगी। कहा जा रहा है कि यह मात्र वेब सीरीज नहीं है बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आने वाली भंसाली की मैग्नम ओपस होगी। भंसाली की हीरामंडी के लिए फ़िल्मसिटी में एक ग्रैंड सेट तैयार किया गया है जिसकी कीमत तकरीबन 1.75 करोड़ रुपये है। इसमें 1945 के दौर के लाहौर को दर्शाया जाएगा।