21/11/2024

शाहरुख़ ख़ान की टॉप-10 फ़िल्में

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शाहरुख़ ख़ान की टॉप-10 फ़िल्में / Top 10 Films of Shah Rukh Khan

शाहरुख ख़ान को बॉलीवुड में एसआरके के नाम से जाना जाता है। ये “बॉलीवुड का बादशाह”, “किंग ख़ान”, “रोमांस किंग” और किंग ऑफ़ बॉलीवुड’ के नाम से भी लोकप्रिय हैं। शाहरुख़ ख़ान लगभग सभी शैलियों की फिल्‍मों (रोमांस, ड्रामा, कॉमेडी, एक्‍शन) में काम कर चुके हैं। लॉस एंजिलेस टाइम्‍स ने उन्‍हें दुनिया का सबसे बड़ा मूवी स्‍टार बताया है। उनके प्रशंसकों की संख्‍या भारत के साथ साथ विदेशों में भी बहुत ज्‍यादा है। शाहरुख़ ख़ान ने 14 फिल्‍मफेयर अवार्ड्स जीते हैं। दिलीप कुमार के बाद शाहरुख़ ही अभिनेता हैं जिन्होंने फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार आठ बार जीता है। 2005 में भारत सरकार ने शाहरुख़ को भारतीय सिनेमा के प्रति उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया। लंदन के मैडम तुसाद संग्रहालय में उनकी मोम की मूर्ति भी स्‍थापित है। शाहरुख़ के फ़िल्मी करियर की शुरूआत फिल्‍म ‘दीवाना’ (1992) से हुई थी जिसके लिए उन्‍हें सर्वश्रेष्‍ठ नवोदित अभिनेता का फिल्‍मफेयर पुरस्‍कार भी मिला था। उस समय यह फिल्‍म सुपरहिट हुई और इसी फिल्‍म ने शाहरुख़ को हिन्‍दी फिल्‍म इंडस्‍ट्री में स्‍थापित कर दिया। इसके बाद शाहरुख़ ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वे लगातार सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते गए। धीरे धीरे वे आलोचकों के साथ साथ जनता की पसंद बन गए और लड़कियों के बीच तो काफी प्रसिद्ध हो गए। शाहरुख़ ख़ान की प्रमुख फ़िल्मों में दीवाना, बाज़ीगर, डर, कभी हां कभी ना, करन अर्जुन, दिलवाले दुल्‍हनियां ले जाएंगे, चाहत, कोयला, यस बॉस, परदेस, दिल तो पागल है, दिल से, कुछ कुछ होता है, जोश, मोहब्‍बतें, कभी खुशी कभी ग़म, देवदास, कल हो न हो, मैं हूं ना, वीर जारा, डॉन, चक दे इंडिया, ओम शांति ओम, रब ने बना दी जोड़ी, माय नेम इज ख़ान, रा.वन, डॉन 2, जब तक है जान, चेन्‍नई एक्‍सप्रेस और रईस जैसी फ़िल्मों का नाम आता है। इस साल शाहरुख ने ‘पठान’ और ‘जवान’ जैसी 2 ब्लॉकबस्टर हिट दी हैं जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शन के नए रिकॉर्ड बनाए। अत: दर्शक और समीक्षकों की पसंद के अनुसार यहाँ शाहरुख़ ख़ान की टॉप-10 फ़िल्मों के बारे में बताया गया है।

10. देवदास / Devdas (2002)


शैली– रोमांस-ड्रामा निर्देशक– संजय लीला भंसाली

मुख्य कलाकार- शाहरुख़ ख़ान, ऐश्वर्या राय, माधुरी दीक्षित, जैकी श्रॉफ़, किरण खेर आदि

विशेष नोट- ये फिल्म शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास देवदास पर आधारित है। भारत में रिलीज के समय मिश्रित समीक्षा प्राप्त करने के बावजूद, देवदास को पश्चिमी फ़िल्म आलोचकों के बीच समीक्षकों द्वारा प्रशंसित किया गया था। इसे अब तक की सबसे महान फ़िल्मों में से एक माना जाता है। यह सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फ़िल्म के लिए भारत की ओर से ऑस्कर पुरस्कार के लिए भी भेजी गई थी। देवदास ने फ़िल्मफ़ेयर का सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार जीता था। साथ ही देवदास ने 5 राष्ट्रीय पुरस्कार और 10 फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीते।

9. दिल से.. / Dil Se.. (1998)


शैली– रोमांस-थ्रिलर निर्देशक– मणिरत्नम

मुख्य कलाकार- शाहरुख़ ख़ान, मनीषा कोईराला, प्रीति जिन्टा, पीयूष मिश्रा, रघुवीर यादव आदि

विशेष नोट- इसको मणिरत्नम ने राम गोपाल वर्मा और शेखर कपूर के साथ प्रोड्यूस किया था। इसकी पटकथा मणिरत्नम ने तिग्मांशु धूलिया के साथ लिखी तथा इस फिल्म का संगीत ए आर रहमान ने दिया है तथा गीतों को गुलज़ार ने कलमबद्ध किया है। यह रोचक संयोग है कि मणिरत्नम की पिछली आतंकवाद विषय पर बनी रोज़ा (Roza) और बाॅम्बे (Bombay) के बाद यह उनकी तीसरी प्रस्तुति है। फ़िल्म को 2 राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार तथा 6 फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया था। संगीतकार एआर रहमान को इसके लिए उस साल का फिल्मफेयर पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था। इसे तमिल में ‘उइरे’ तथा तेलगू में ‘प्रेमा तू’ नाम से भी रिलीज़ किया गया था। ये शाहरुख की विशेष फिल्म है जिसे हर दर्शक वर्ग पसंद करता है। फिल्म रोमांटिक है लेकिन इसका क्लाइमेक्स दर्शक के दिमाग में एक घर कर जाता है। अभी तक नहीं देखी तो अवश्य देखें।

8. डर / Darr (1993)


शैली– एक्शन-रोमांस-थ्रिलर निर्देशक– यश चोपड़ा

मुख्य कलाकार- सनी देयोल, शाहरुख़ ख़ान, जूही चावला, अनुपम खेर आदि

विशेष नोट- डर फ़िल्म शाहरुख़ ख़ान के बेहतरीन अभिनय के लिए जानी जाती है। इसी फ़िल्म का डायलॉग “कि.. कि.. किरण” बहुत प्रसिद्ध हुआ जो बाद में शाहरुख़ की पहचान बन गया। फिल्म आलोचक और दर्शक दोनों द्वारा पसंद की गई थी। फिल्म और उसके कलाकारों की प्रशंसा करते हुए, इसे घरेलू और विदेशी बॉक्स ऑफिस पर “ब्लॉकबस्टर” घोषित किया गया था। डर के रिलीज के 3 साल बाद हॉलीवुड ने भी एक ऐसी ही फ़िल्म बनाई जिसका नाम था ‘फ़ीयर’ (Fear)। इस फिल्म के गाने आज भी हिट हैं।

7. कभी हाँ कभी ना / Kabhi Haan Kabhi Naa (1994)


शैली– रोमांस-कॉमेडी निर्देशक– कुन्दन शाह

मुख्य कलाकार- शाहरुख़ ख़ान, सुचित्रा कृष्णमूर्ति, दीपक तिजोरी, नसीरुद्दीन शाह आदि

विशेष नोट- इसे व्यापक रूप से शाहरुख़ ख़ान की सर्वश्रेष्ठ फिल्म माना जा सकता है। शाहरुख़ ख़ान ने अपने बैनर ‘रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट’ के तहत फ़िल्म के अधिकार खरीद लिए हैं। इस फ़िल्म के लिए शाहरुख ख़ान और कुंदन शाह ने क्रमशः सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिये फिल्मफेयर में आलोचकों का पुरस्कार जीता था। यह फिल्म जगपती बाबू के साथ तेलुगु में स्वप्नलोकम (1999) के नाम से रीमेक हुई है। इस फिल्म को ध्यान में रखकर ही आनंद एल राय ने धनुष के साथ ‘राँझणा’ बनाई थी। 

6. वीर-ज़ारा / Veer-Zaara (2004)


शैली– रोमांस-ड्रामा निर्देशक– यश चोपड़ा

मुख्य कलाकार- शाहरुख़ ख़ान, प्रीति ज़िन्टा, रानी मुखर्जी, अनुपम खेर आदि

विशेष नोट- शाहरुख़ की इस बेहतरीन फ़िल्म को पसंद करने वाले भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में हैं। वीर-ज़ारा ने न केवल भारत और पाकिस्तान, बल्कि यू.के, जर्मनी, फ्रान्स, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका में भी जबरदस्त व्यवसाय किया था और उस साल की सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित होने वाली बॉलिवुड फिल्म थी। बर्लिन फिल्म उत्सव में जब यह फिल्म दिखाई गयी तो दर्शकों ने इसे खूब सराहा। अप्रैल 2006 में वीर-ज़ारा का पेरिस के सबसे बड़े थिएटर, द ग्रॉड रेक्स में प्रथम प्रदर्शन हुआ। वीर-ज़ारा पहली ऐसी हिंदी फिल्म है जिसे इतने विशाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखाया गया है। इसके गाने अब क्लासिक गानों की श्रेणी में आते है।

5. कल हो न हो / Kal ho Naa Ho (2003)


शैली– रोमांस-कॉमेडी-ड्रामा निर्देशक– निखिल आडवाणी

मुख्य कलाकार- शाहरुख़ ख़ान, प्रीति ज़िन्टा, सैफ़ अली ख़ान, जया बच्चन आदि

विशेष नोट- धर्मा प्रोडक्शन्स के बैनर तले बनी इस फ़िल्म को यश जौहर एवं करण जौहर ने निर्माण किया। संगीत शंकर एहसान लॉय ने दिया और गीत जावेद अख्तर ने लिखे। फिल्म को सबसे सकारात्मक आलोचनात्मक प्रतिक्रिया मिली और यह व्यावसायिक रूप से साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बनी थी। इसने 2 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 8 फिल्मफेयर पुरस्कार, 13 अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी पुरस्कार, 3 स्टार स्क्रीन पुरस्कार और 2 ज़ी सिने पुरस्कार जीते। इस फ़िल्म के द्वारा निखिल आडवाणी ने निर्देशक के रूप में बॉलीवुड में पदार्पण किया। इसे राजेश खन्ना की ऑलटाइम क्लासिक फिल्म ‘आनंद’ से प्रेरित बताया जाता है।

4. स्वदेस / Swades (2004)


शैली– ड्रामा निर्देशक– आशुतोष गोवरीकर

मुख्य कलाकार- शाहरुख़ ख़ान, गायत्री जोशी, किशोर बलाल, दया शंकर पांडे, राजेश विवेक आदि

विशेष नोट- यह एक अनिवासी भारतीय (एनआरआई) की सच्ची कहानी पर आधारित है जो अपनी मातृभूमि को लौटता है। रिलीज पर फिल्म को आलोचनात्मक प्रशंसा तो खूब मिली पर दर्शकों का प्यार नहीं मिला और फ़्लॉप हो गयी। बाद में टीवी पर देखने के बाद दर्शक इस फ़िल्म के मुरीद हो गये। जावेद अख्तर द्वारा लिखे गए गीतों को संगीत दिया एआर रहमान ने। फिल्म को अपने समय से आगे की माना जाता था और इसकी रिलीज पर व्यापक आलोचना हुई। इसे अब हिंदी सिनेमा का एक कल्ट क्लासिक का दर्जा प्राप्त है। हालांकि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर एक बड़ी फ्लॉप थी लेकिन फिल्म बहुत अच्छी है जिसे हर भारतीय को एक बार अवश्य देखना चाहिए। 

3. दिलवाले दुल्हनियाँ ले जायेंगे / Dilwale Dulhaniya Le Jayenge (1995)


शैली– रोमांस- ड्रामा निर्देशक– आदित्य चोपड़ा

मुख्य कलाकार- शाहरुख़ ख़ान, काजोल, अमरीश पुरी, फ़रीदा जलाल, अनुपम खेर आदि

विशेष नोट- डीडीएलजे के नाम से भी प्रसिद्ध यह फ़िल्म विदेशों में हिन्दी सिनेमा की सबसे सफल फिल्मों में से एक मानी जाती है। इस फ़िल्म का किसी भी सिनेमाघर पर सबसे ज्यादा समय तक चलने का कीर्तिमान है। मार्च 2009 में इसने मुंबई के मराठा मंदिर में 700 सप्ताहों तक चलने का कीर्तिमान बनाया, इससे पहले यह कीर्तिमान ‘शोले‘ के नाम था जो करीब साढ़े पांच सालों तक एक ही सिनेमाघर में चली। इंडियाटाइम्स मूवीज पत्रिका ने इसे भारत की “25 फ़िल्म ज़रूर देखें” में शामिल किया है। आदित्य चोपड़ा इस फ़िल्म में ‘टॉम क्रूज़’ (Tom Cruise) को हीरो के तौर पर लेना चाहते थे। यश चोपड़ा के कहने पर आदित्य ने यह रोल शाहरुख़ ख़ान को प्रस्तावित किया। फिल्म का टाइटल “दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे” किरण खेर ने दिया था। पहले फिल्म का टाइटल “द ब्रेवहार्ट विल टेक द ब्राइड” था।

2. माइ नेम इज़ ख़ान / My Name is Khan (2010)


शैली– ड्रामा निर्देशक– करन जौहर

मुख्य कलाकार- शाहरुख़ ख़ान, काजोल, जिमी शेरगिल, ज़रीना वहाब, पल्लवी शारदा आदि

विशेष नोट- एक लंबे समय के बाद करन जौहर, शाहरुख़ खान और काजोल की तिगड़ी फिर एक साथ पर्दे पर उतरी। इससे पहले यह तिगड़ी ‘कुछ कुछ होता है’ और ‘कभी खुशी कभी ग़म’ जैसी फ़िल्मों से दर्शकों के दिल जीत चुकी थी। फिल्म की कहानी 9/11 के बाद अमेरिका में मुस्लिमों के साथ हुए भेदभाव को लेकर है। शंकर, एहसान और लॉय का संगीत फिल्म की ख़ासियत है। फ़िल्मफेयर में इसे 10 नामांकन मिले जिसमें 3 पुरस्कार अपने नाम किये। इसमें शाहरुख का अभिनय बहुत ही शानदार है। बॉलीवुड में शायद कोई और इस रोल को नहीं कर सकता।

1. चक दे! इंडिया / Chak De! India (2007)


शैली– स्पोर्ट्स ड्रामा निर्देशक– शिमित अमीन

मुख्य कलाकार- शाहरुख़ ख़ान, विद्या मालवडे, चित्राशी रावत, सागरिका घाटगे, शिल्पा शुक्ला आदि

विशेष नोट- हॉकी की पृष्‍ठभूमि में बनी ‘चक दे इंडिया’ में शाहरुख़ ख़ान ने अपनी रोमांटिक छवि से हटकर एक ऐसे हॉकी कोच की भूमिका निभाई है जिसका एकमात्र लक्ष्य अपनी टीम को विश्व कप जिताना है। शाहरुख़ ख़ान ने एक कलंकित खिलाड़ी और कठोर प्रशिक्षक की भूमिका को बखूबी निभाया है। वे शाहरुख़ ख़ान न लगकर कबीर ख़ान लगे हैं। कई दृश्यों में उन्होंने अपने भाव मात्र आँखों से व्यक्त किए हैं। कलंक धोने की उनकी बेचैनी उनके चेहरे पर दिखाई देती है। शिमित का निर्देशन बेहद शानदार है। एक चुस्त पटकथा को उन्होंने बखूबी फ़िल्माया है। वे हॉकी के जरिये दर्शकों में राष्ट्रप्रेम की भावनाएँ जगाने में कामयाब रहे। एक सीन में मैच के पूर्व जब ‘जन-गण-मन’ की धुन बजती है, तो थिएटर में मौजूद दर्शक सम्मान में खड़े हो जाते हैं। चक दे इंडिया को ‘मनोरंजन से भरपूर सबसे लोकप्रिय फ़िल्म’ का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला है। यदि आपने ‘चक दे इंडिया’ नहीं देखी है तो एक बार ज़रूर देखनी चाहिए।

शाहरुख़ ख़ान की अन्य महत्वपूर्ण फ़िल्में

दिल तो पागल है, बाज़ीगर, दीवाना, कुछ कुछ होता है, परदेस, डॉन, हे राम, डियर ज़िन्दगी, रब ने बना दी जोड़ी, मोहब्बतें, कभी ख़ुशी कभी ग़म, ओम शान्ति ओम, अंजाम, चाहत, रईस, चेन्नई एक्सप्रेस, जब तक है जान, जवान, डंकी, मैं हू ना और बादशाह। {अपडेट दिनांक:- 12 सितंबर 2024}

 

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