21/11/2024

बॉलीवुड की टॉप-10 हॉरर-कॉमेडी फ़िल्में

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100 साल से पुराने भारतीय सिनेमा में हॉरर कॉमेडी एक ऐसा जॉनर है जिसमें फ़िल्में बहुत ही कम बनी है। इस जॉनर में यदि सभी फ़िल्मों को जोड़ा जाये तो मुश्किल से 20-25 ही हो पायेंगी। उसमें भी टॉप 10 फ़िल्में निकालना कोई मुश्किल काम तो नहीं लेकिन उन्हें क्रमांक में लगाना ज़रूर मुश्किल काम है। आईये जानते हैं भारत की टॉप 10 हॉरर-कॉमेडी हिन्दी फ़िल्मों के बारे में।

10. नानू की जानू / Nanu Ki Jaanu (2018)

निर्देशक- फ़राज़ हैदर लेखक- मिसकिन

संगीतकार- साजिद वाजिद, जीत गांगुली

मुख्य कलाकार– अभय देओल, पत्रलेखा, मनु ऋषि, ब्रजेन्द्र काला, राजेश शर्मा, हिमानी शिवपुरी आदि

विशेष नोट- नानू की जानू एक डार्क कॉमेडी है, जिसकी कहानी दिल्ली के एक भू-माफिया एजेंट (अभय देओल) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने अपार्टमेंट में एक भूत के आगमन से निपटने की कोशिश करता है। अभय देओल की ये फिल्म आपको डराती भी है और हंसाती भी है। इस फिल्म में अभय देओल के साथ उनकी पत्नी पत्रलेखा भी नज़र आई थीं जिसमें अभय ने लैंड माफिया का किरदार प्ले किया था जो एक भूत से डील करता है। काफी अलग कॉन्सेप्ट पर बनी ये फिल्म भी आप देख सकते हैं।

9. चमत्कार / Chamatkar (1992)

निर्देशक- राजीव मेहरा लेखक- शौकत बेग, लिलिपुट

संगीतकार- अनु मलिक

मुख्य कलाकार– शाहरुख ख़ान, नसीरुद्दीन शाह, उर्मिला मातोंडकर, शम्मी कपूर आदि

विशेष नोट- इसमें नसीरुद्दीन शाह ने एक डॉन का किरदार किया है जो बाद भूत बन जाता है। सुंदर श्रीवास्तव (शाहरुख खान) एक युवा स्नातक है जिसकी जीवन में मुख्य महत्वाकांक्षा अपने गांव में अपनी आधा एकड़ की संपत्ति पर एक स्कूल शुरू करने के अपने पिता के सपने को पूरा करना है, हालांकि उसके पास अपनी योजनाओं को पूरा करने के लिए कोई धन नहीं है। सुंदर का बचपन का दोस्त प्रेम, एक अनुभवी ठग जो बंबई में काम करता है, भोले-भाले सुंदर को गांव के जमींदार (मकान मालिक) को अपनी जमीन गिरवी रखने और दुबई जाने के लिए मना लेता है। प्रेम ने सुंदर को दुबई में अच्छी तनख्वाह वाली शिक्षक की नौकरी देने का वादा किया, जिससे सुंदर को दो साल के भीतर अपना स्कूल शुरू करने के लिए पर्याप्त पैसा मिल जाएगा। जैसा कहा गया सुंदर वैसा ही करता है और प्रेम से मिलने बंबई पहुंचता है; न केवल स्टेशन पर उसके दोस्त का कोई पता नहीं है, बल्कि सुंदर अनजाने में एक छोटे से चोर के साथ शामिल हो जाता है जो उसका सारा सामान और पैसा लूट लेता है।

8. भूत बंगला / Bhoot Bungla (1965)

निर्देशक/लेखक- महमूद

संगीतकार- आरडी बर्मन, किशोर कुमार

मुख्य कलाकार– महमूद, तनूजा, नाज़िर हुसैन, हृदयनाथ चट्टोपाध्याय, नाना पलसीकर, असित सेन, जगदीश राज आदि

विशेष नोट- पचास साल पहले, कुंदनलाल की हत्या कर दी गई थी और उसकी पत्नी और बच्चा एक अंधेरी रात में, बॉम्बे के बाहरी इलाके में एक जंगल से घिरे प्रेतवाधित बंगले में गायब हो गए थे। फिलहाल बंगले में तीन भाई रह रहे हैं, जो कुंदनलाल के भतीजे हैं। वे श्यामलाल, रामलाल और रामू हैं। रामलाल की बेटी रेखा के लंदन से लौटने की पूर्व संध्या पर, रामलाल की एक कार दुर्घटना में मौत हो जाती है, जिसे हत्या माना जाता है। संदेह तब और मजबूत होता है जब रामू उसी रात अपने शयनकक्ष में लटका हुआ पाया जाता है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फांसी से पहले उसकी हत्या की गई थी।

7. भूतनाथ रिटर्न्स / Bhootnath Returns (2014)

निर्देशक/लेखक- नितेश तिवारी

संगीतकार- राम संपत

मुख्य कलाकार– अमिताभ बच्चन, पार्थ भालेराव, बोमन ईरानी, ऊषा जाधव, संजय मिश्रा, ब्रजेन्द्र काला, ऊषा नादकर्णी आदि

विशेष नोट- फ़िल्म की कहानी भूतनाथ फ़िल्म की कहानी के अन्त से आरम्भ होती है। भूतनाथ के ऊपर सब हंसी ठिठोली कर रहे होते हैं। इसके पीछे एक कारण होता है कि भूतनाथ किसी भी बच्चे को डरा नहीं पाता। अब वह बच्चों को डराने के लिए दोबारा लौटता है उसका मकसद होता है कि वह बच्चों को डरा के दिखाएगा। लेकिन धारावी में रहने वाले नन्हें पार्थ से भूतनाथ उलझ जाता है। पार्थ और भूतनाथ के बीच दोस्ती बढ़ने लगती है।

6. खिलौना बना खलनायक / Khilona Bana Khalnayak (1995)

निर्देशक/लेखक- महेश कोठारे

संगीतकार- अनिल मोहिले

मुख्य कलाकार– किशोरी एम्बीये, लक्ष्मीकान्त बेरडे, रविन्द्र बेरडे, विजय चवन, दिनकर इनामदार, तात्या विंछू (गुडिया) आदि

विशेष नोट- 90 के दशक में आयी यह फ़िल्म लगभग हर भारतीय ने देखी होगी। जबरदस्त हॉरर कॉमेडी है जो रिलीज के बाद कई सालों तक सबने काफी पसंद की थी। इसकी कहानी में एक अपराधी एक खिलौने की फैक्ट्री में मारा जाता है और उसके पास एक गुड़िया होती है। गुड़िया को तब एक दुकानदार द्वारा खरीदा जाता है जिसे धीरे-धीरे पता चलता है कि गुड़िया हाल ही में हुई मौतों के पीछे है।

5. भूत पुलिस / Bhoot Police (2021)

निर्देशक/लेखक- पवन कृपलानी

संगीतकार- क्लिंटन सरजो

मुख्य कलाकार– सैफ़ अली ख़ान, अर्जुन कपूर, जैकलीन फर्नाडिस, यामी गौतम, जावेद जाफ़री आदि

विशेष नोट- दो भाई, विभूति और चिरौंजी को दूर के गाँव में शैतानी आत्माओं को पकड़ने का सामान्य काम सौंपा जाता है। हालाँकि, उन्हें जल्द ही पता चलता है कि यह मामला असामान्य है। फिल्म की शुरुआत उनके राजस्थान के एक गाँव में एक युवा लड़की पर भूत भगाने के लिए पहुँचने के साथ होती है, जिस पर उसके दिवंगत दादा का साया था। हालाँकि, विभूति को जल्द ही पता चल जाता है कि लड़की नकली कब्ज़ा कर रही थी, जिसे वह स्वीकार करती है।

4. गोलमाल अगेन / Golmaal Again (2017)

निर्देशक- रोहित शेट्टी लेखक- फरहाद सामजी

संगीतकार- अमर मोहिले, एस थमन, अमाल मलिक

मुख्य कलाकार– अजय देवगन, तब्बू, परिणीति चोपड़ा, अरशद वारसी, तुषार कपूर, श्रेयस तलपड़े, कुणाल खेमू, नील नितिन मुकेश, प्रकाश राज, जॉनी लीवर आदि

विशेष नोट- गोलमाल सीरीज की चौथी किस्त 2017 में रिलीज़ हुई ये फिल्म अगर आपने नहीं देखी है तो तुरंत देख डालिए। अजय देवगन, अरशद वारसी, तुषार कपूर, श्रेयष तलपडे और कुणाल खेमू अनाथ हैं, जो ऊटी के सेठ जमनादास अनाथालय से पले-बढ़े होते हैं। अनाथालय के गुरु की मौत के बाद वे सब वापस इस अनाथालय में पहुंचते हैं और वहां उन्हें पता चलता है कि वासु रेड्डी नाम का कोई बिल्डर प्रकाश राज और उसके साथी नील नितिन मुकेश उस आश्रम और उसके साथ लगे कर्नल चौहान सचिन केलकर के प्लॉट को हथियाना चाहते हैं। हालांकि, उन्हें एहसास होता है कि उनकी गैर-मौजूदगी में कुछ फ्रेंडली भूत वहां रहने लगे हैं और तब्बू, जो कि आत्माओं से बात कर सकती हैं, वह उन लड़कों को गाइड करने का काम करती हैं।

3. गो गोवा गोन / Go Goa Gone (2013)

निर्देशक- राज एंड डीके लेखक- राज एंड डीके, सीता मेनन

संगीतकार- सचिन-जिगर

मुख्य कलाकार– सैफ़ अली ख़ान, कुणाल खेमू, वीर दास, आनन्द तिवारी, पूजा गुप्ता, अभिषेक कपूर, मीनल ठाकुर, कृष्णा डी.के आदि

विशेष नोट- गो गोवा गॉन बॉलीवुड में ज़ॉम्बीज़ पर बनने वाली पहली फ़िल्म हैं। राज और डीके द्वारा निर्देशित यह फ़िल्म समीक्षक और दर्शक दोनों को पसंद आयी। इसने टिकट-खिडकी पर औसत से अच्छा प्रदर्शन किया। 3 दोस्त एक रेव पार्टी में एक द्वीप पर जाते हैं जहाँ एक खास तरह की ड्रग्स खाकर कुछ लोग मर जाते हैं। मरने के बाद वो लोग जॉम्बीज बन जाते हैं।  दरअसल ज़ॉम्बीज़ वो लोग होते हैं जिनके दिमाग़ का एक छोटा सा हिस्सा मरने के बाद भी काम करता रहता है, जिसकी वजह से ये लोग चहलकदमी करते नज़र आते हैं।

2. भूल भूलैया / Bhool Bhulaiyaa (2007)

निर्देशक- प्रियदर्शन लेखक- नीरज बोरा, मधु मुत्तम

संगीतकार– रंजीत बरौट, प्रीतम

मुख्य कलाकार– अक्षय कुमार, विद्या बालन, शाहनी आहूजा, अमीषा पटेल, परेश रावल, मनोज जोशी, राजपाल यादव, विक्रम गोखले, असरानी आदि

विशेष नोट- सिद्धार्थ यानी शाहनी आहूजा और उसकी पत्नी अवनी यानि विद्या बालन, अपने रिश्तेदारों की चेतावनियों को अनसुना कर, अपने पुश्तैनी घर ‘जो एक प्राचीन महल जैसा है’ में रहने का फ़ैसला करते है लेकिन कुछ रहस्यमय घटनाओं के रहस्य को सुलझाने के लिए, उन्हें एक मनोचिकित्सक को बुलाना पड़ता है। मनोचिकित्सिक का रोल अक्षय कुमार ने किया है। फ़िल्म का संगीत बेहतरीन है पटकथा भी शानदार है साथ ही अक्षय की कॉमेडी टाइमिंग इस हॉरर मूवी में बेहद जबरदस्त है। इसमें विद्या बालन का अभिनय फ़िल्म की ताकत है।  यह फ़िल्म तमिल फ़िल्म ‘चंद्रमुखी’ की आधिकारिक रीमेक है जिसमें सुपरस्टार रजनीकान्त ने मनोचिकित्सिक का रोल निभाया है।

1. स्त्री / Stree (2018)

निर्देशक- अमर कौशिक लेखक- राज एंड डीके, सुमित अरोरा

संगीतकार- सचिन जिगर, केतन सोधा

मुख्य कलाकार– राजकुमार राव, श्रृद्धा कपूर, पंकज त्रिपाठी, अपारशक्ति खुराना, अभिषेक बनर्जी, फ़लोरा सैनी, विजय राज आदि

विशेष नोट- फिल्म की कहानी मध्य प्रदेश के चंदेरी नामक स्थान पर आधारित है, जहाँ त्यौहार के दौरान एक चुड़ैल, जिसे लोग स्त्री कहकर पुकारते है, जो सिर्फ पुरुषों को गायब करती है, स‍िर्फ उनके कपड़े रह जाते हैं। उससे बचने के लिये लोग अपने घर के बाहर “ओ स्त्री कल आना” लिखते हैं। यह फ़िल्म भारतीय शहरी किंवदंती, ‘नाले बा’ पर आधारित है, जो  एक चुड़ैल के बारे में है जो रात में लोगों के दरवाजे पर दस्तक देती थी। इस फ़िल्म में राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर के साथ अपारशक्ति खुराना, अभिषेक बनर्जी और पंकज त्रिपाठी ने अहम भूमिका निभाई है। दर्शकों ने फ़िल्म को बहुत पसंद किया था जिससे यह बहुत बड़ी हिट बनी थी।

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