माधुरी दीक्षित की टॉप 10 फ़िल्में
1 min readहिंदी सिनेमा यानी बॉलीवुड में माधुरी दीक्षित की एक अलग पहचान है। माधुरी को आज भी दर्शक बड़े पर्दे पर देखने के लिए आतुर हैं। माधुरी दीक्षित सिर्फ एक अदाकारा ही नहीं बल्कि हिंदी सिनेमा की डांसिंग डिवा भी हैं। उन्होंने अपने हिंदी फ़िल्मी करियर में कई बेहतरीन फ़िल्में की, जिन्हें दर्शक आज भी बड़े चाव से देखते हैं। माधुरी दीक्षित ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत साल 1984 में राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म ‘अबोध’ (Abodh) से की थी लेकिन यह फिल्म कुछ खास नहीं चली। माधुरी को हिंदी सिनेमा में उनके बेहतरीन अदाकारी के लिये 4 बार फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, 1 बार फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री और एक स्पेशल अवार्ड से नवाजा जा चुका है। इन सभी पुरस्कारों के अलावा माधुरी को भारत सरकार के चतुर्थ सर्वोच्च नागारिक सम्मान “पद्मश्री” से सम्मानित किया गया है। आईये इस लेख में जानते हैं माधुरी दीक्षित के कैरियर की टॉप 10 फ़िल्में जिनसे माधुरी की लोकप्रियता और अभिनय क्षमता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
10. तेज़ाब / Tezaab (1988)
शैली– एक्शन-ड्रामा-रोमांस निर्देशक– एन चंद्रा
मुख्य कलाकार- अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित, अनुपम खेर, चंकी पांडे, किरण कुमार, सुरेश ऑबेराय, अन्नू कपूर आदि
विशेष नोट- माधुरी को हिंदी सिनेमा में पहचान मिली फिल्म तेजाब से। इस फिल्म में उन्हें उनकी बेहतरीन अदाकारी के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार का पहला नामाकंन भी मिला था। इस फिल्म का गाना एक दो तीन आज भी माधुरी दीक्षित का आइकॉनिक सांग माना जाता हैं। महेश देशमुख (अनिल कपूर) देश की सशस्त्र बलों में शामिल हुआ क्योंकि वह ईमानदारी से और देशभक्ति से देश की सेवा कर सके। अपने कॉलेज के दिनों में उसके साथी सहपाठी मोहिनी (माधुरी दीक्षित) के साथ झगड़ा हुआ। अपने दोस्तों और खुद के बीच एक शर्त के बाद वह मोहिनी के साथ प्यार में पड़ जाता है, जो बाद में महसूस करती है कि वह वास्तव में उसके साथ प्यार में पड़ गया है और वह भी सहानुभूति देती है। मोहिनी के पिता (अनुपम खेर) शराबी है और उनकी इच्छा है कि मोहिनी नृत्य और वेश्यावृत्ति में चली जाए है ताकि वह अपनी दैनिक खुराक प्राप्त कर सके। मोहिनी महेश के साथ शरण लेने का प्रयास करती है, हालांकि, महेश को इस हद तक उलझन में डाल दिया जाता है कि वह गिरफ्तार, आरोपी साबित हो जाता है और उसे बम्बई शहर से तड़ीपार रहने की सजा सुनाई जाती है। जब महेश लौटता है, तो वह अब ईमानदार और देशभक्त महेश नहीं है, बल्कि मुन्ना नामक एक गैंगस्टर है, जिसको कई पुराने हिसाब चुकता करने हैं। फिल्म सुपरहिट रही थी और 1988 की सबसे बड़ी व्यावसायिक रूप से सफल फिल्म थी।
9. पुकार / Pukar (1988)
शैली– एक्शन-रोमांस-ड्रामा निर्देशक- राज कुमार संतोषी
मुख्य कलाकार- अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित, सुधीर जोशी, नम्रता शिरोड़कर, ओम पुरी, डैनी आदि
विशेष नोट- अंजलि (माधुरी दीक्षित) और मेजर जयदेव राजवंश (अनिल कपूर) बचपन के दोस्त हैं। जब वह अपने गृहनगर लौटता है, तो उनके बुजुर्ग चाहते हैं कि छुट्टियों के दौरान उनकी शादी हो जाए। लेकिन जयदेव को मिस इंडिया, पूजा मल्लपा (नम्रता शिरोडकर) से प्यार हो गया है और वह उससे शादी करना चाहता है। इससे ईर्ष्या में जल रही अंजलि, जयदेव को बर्बाद करने की योजना बनाती है। वह झूठी सूचनाओं को लीक करके उसकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाती है जिससे ऐसा लगता है कि वह खूंखार आतंकवादी अब्रुश (डैनी डेन्जोंगपा) के साथ मिली हुई है। बाद में, उसे अपनी गलती का एहसास होता है और पछतावा होता है। वह अपने द्वारा किए गए नुकसान को पूर्ववत करना चाहती है और अपने प्रिय की प्रतिष्ठा को बहाल करना चाहती है और उस लक्ष्य के लिए अपना जीवन भी लगाने को तैयार है। यह फ़िल्म माधुरी के अभिनय के अलावा, उनके और प्रभु देवा पर फिल्माए गए गीत ‘के सेरा सेरा’ के लिए भी जानी जाती है।
8. परिंदा / Parinda (1989)
शैली– एक्शन-क्राइम-ड्रामा निर्देशक- विधु विनोद चोपड़ा
मुख्य कलाकार- नाना पाटेकर, जैकी श्रॉफ़, अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित, सुरेश ऑबेराय, अनुपम खेर, टॉम अल्टर आदि
विशेष नोट- यह फ़िल्म माधुरी दीक्षित के साथ अनिल कपूर, जैकी श्रॉफ और नाना पाटेकर की कैरियर की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों में से एक है। यह बॉलीवुड की 50 महानतम फिल्मों की सूची में शामिल है। कहानी के अनुसार किशन (जैकी श्रॉफ) और करन (अनिल कपूर) दोनों भाई मुंबई के गलियों में पले-बढ़े हैं। करन को अच्छी शिक्षा मिले और वो आगे बढ़े, इस कारण किशन को अन्ना सेठ (नाना पाटेकर) के गैंग में शामिल होना पड़ता है। करन का दोस्त इंस्पेक्टर प्रकाश (अनुपम खेर) को अन्ना के काले धंधों के बारे में पता रहता है और वो उसे पकड़ने की कोशिश करते रहता है। अन्ना के लोग, प्रकाश को मार देते हैं और उसकी मौत करन के हाथों में ही हो जाती है। प्रकाश की बहन, पारो (माधुरी दीक्षित) करन से प्यार करती है लेकिन उसे लगता है कि उसके भाई के मौत का जिम्मेदार करन है। रिलीज होने पर परिन्दा को आलोचकों की प्रशंसा प्राप्त हुई। इस फिल्म को कई लोगों द्वारा हिंदी सिनेमा में यथार्थवाद की शुरुआत में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जाता है। परिन्दा ने 2 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और 5 फिल्मफेयर पुरस्कार अपने नाम किये तथा 1990 में ऑस्कर पुरस्कार में विदेशी भाषा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए उसे भारत की तरफ से आधिकरिक तौर पर भेजा गया था।
7. खल नायक / Khal Nayak (1993)
शैली- एक्शन-क्राइम-ड्रामा निर्देशक– सुभाष घई
मुख्य कलाकार- संजय दत्त, माधुरी दीक्षित, जैकी श्रॉफ़, अनुपम खेर, राखी, राम्या कृष्णन, नीना गुप्ता आदि
विशेष नोट- ‘खल नायक’ एक ऐसी कहानी है जो भारतीय समाज के काले चेहरे को उजागर करती है, जिसे आप हर दिन देखने वाले निर्दोष व्यक्ति के पीछे छिपाते हैं, खल नायक बॉलीवुड की अब तक की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक मानी जाती है। संजय दत्त ने गैंगस्टर बल्लू बलराम प्रसाद का किरदार निभाया है। बचपन में जीवन की वास्तविकता को देखने के बाद, बल्लू घर से भाग जाता है और रोजी के लिए एक दूत के रूप में काम करना शुरू कर देता है। कई साल बाद इंस्पेक्टर राम (जैकी श्रॉफ) ने अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए अपनी मंगेतर गंगा (माधुरी दीक्षित) को बल्लू को आत्मसमर्पण करने के लिए भेजता है। लेकिन इस दौरान बल्लू, गंगा के प्यार में पड़ जाता है और उसके वास्तविक उद्देश्यों को महसूस करने के बाद राम की योजना उसके लिए खल नायक बन जाती है। इसमें नीना गुप्ता पर फ़िल्माया गया गीत ‘चोली के पीछे क्या है’ बहुत बड़ा ब्लॉकबस्टर हिट हुआ था। फ़िल्म को 2 फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिले।
6. साजन / Saajan (1991)
शैली– म्यूजिकल-रोमांस-ड्रामा निर्देशक– लॉरेन्स डिसूजा
मुख्य कलाकार- संजय दत्त, सलमान ख़ान, माधुरी दीक्षित, कादर ख़ान, रीमा लागू, एकता साहनी आदि
विशेष नोट- प्रेम त्रिकोण पर आधारित साजन बॉलीवुड की सर्वश्रेष्ठ म्यूजिकल हिट में शामिल है। पैर से विकलांग अमन (संजय दत्त) एक शायर है जो सागर के नाम से शायरी लिखता है। सागर की शायरी को पसंद करते-करते पूजा (माधुरी दीक्षित) को सागर से प्यार हो जाता है। जब अमन को पता चलता है कि पूजा, सागर (यानी खुद) से प्यार करती है और उसकी प्रशंसा करती है, तो वह अपने प्यार को पाने की कोशिश करता है, लेकिन तब ही अमन को पता चलता है कि उसका अपना भाई आकाश (सलमान ख़ान) भी पूजा से प्यार करता है। प्रेम के इस त्रिकोण में प्यार के लिए कौन बलिदान देगा यही फ़िल्म का सार है। यह 1991 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्म थी। इसमें माधुरी का रोमांटिक अभिनय शानदार है। फ़िल्म के गाने मेरा दिल भी कितना पागल है, तुमसे मिलने की तमन्ना है, बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम, जियें तो जियें कैसे बिन आपके.. आज भी सुने जाते हैं।
5. बेटा / Beta (1992)
शैली– रोमांस-ड्रामा निर्देशक– इंद्र कुमार
मुख्य कलाकार- अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित, अरुणा ईरानी, अनुपम खेर, लक्ष्मीकान्त बेरडे आदि
विशेष नोट- बेटा 1987 की तमिल फिल्म एंगा चिन्ना रासा (1987) की आधिकारिक रीमेक है। माधुरी ने राजू (अनिल कपूर) की नेकदिल पत्नी सरस्वती की भूमिका निभाई है। वह अपनी सौतेली माँ, लक्ष्मी (अरुणा ईरानी) के प्रति अंध भक्ति रखता है और अपनी मां के खिलाफ़ कुछ नहीं देखना चाहता। लक्ष्मी ने जानबूझकर उसे एक साधारण व्यक्ति के रूप में पाला है क्योंकि वह उसे अपने धन के लिए नियंत्रित करना चाहती है। जब सरस्वती को इसके बारे में पता चलता है, तो उसके और उसकी सास के बीच युद्ध छिड़ जाता है। यह पारिवारिक गतिशीलता के बारे में एक फिल्म थी और माधुरी ने एक बुद्धिमान और प्यार करने वाली पत्नी के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिसे अपने पति को अपनी सौतेली माँ के बारे में सच्चाई का एहसास कराना चाहिए। अरुणा ईरानी के साथ उनके टकराव के दृश्य फिल्म की जान थे। फिल्म में मशहूर ‘धक धक करने लगा’ गाना माधुरी पर फिल्माया गया था। ‘कोयल सी तेरी बोली’ और सैंय्या जी से चुप के गाने भी हिट रहे। फ़िल्म बेटा बेहतरीन अभिनय के लिए माधुरी दीक्षित को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री सहित फ़िल्म को 5 फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिले थे।
4. दिल / Dil (1990)
शैली– रोमांस-ड्रामा निर्देशक– इंद्र कुमार
मुख्य कलाकार- आमिर खान, माधुरी दीक्षित, सईद जाफ़री, अनुपम खेर, देवेन वर्मा आदि
विशेष नोट- मधु (माधुरी) और राजा (आमिर) के रोमांस की शुरुआत उनके द्वारा एक-दूसरे के साथ शरारतें करने से होती है। वह उस पर बलात्कार के झूठे आरोप लगाने की हद तक चली जाती है और जब वह जवाबी कार्रवाई नहीं करता है तो उसे मार दिया जाता है। वे वास्तव में एक दूसरे को पसंद करने के लिए आते हैं। इस बीच, उसके पिता हजारीप्रसाद (अनुपम खेर) एक अमीर आदमी होने का दिखावा करते हैं ताकि वह अपने बेटे की शादी मिस्टर मेहरा (सईद जाफरी) की बेटी से करवा सके, जो कि मधु है। जब मेहरा को इस दोहरेपन का पता चलता है तो वह हजारी प्रसाद को अपमानित करता है। दोनों कट्टर दुश्मन बन जाते हैं। हालांकि दोनों बच्चे चुपके से शादी कर लेते हैं और उनके माता-पिता उन्हें अस्वीकार कर देते हैं। दोनों घर छोड़कर भाग जाते हैं। फिल्म में माधुरी और आमिर के बीच की लव केमिस्ट्री वाकई देखने लायक है। खंबे जैसी खड़ी है, ओ पिया ओ पिया, हम प्यार करने वाले, हमने घर छोड़ा है जैसे गाने बेहद लोकप्रिय हुए और आज भी बजाये जाते हैं। इस फ़िल्म के लिए माधुरी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला था।
3. दिल तो पागल है / Dil To Pagal Hai (1999)
शैली– म्यूजिकल-रोमांस-ड्रामा निर्देशक– यश चोपड़ा
मुख्य कलाकार- शाहरुख़ ख़ान, माधुरी दीक्षित, करिश्मा कपूर, अक्षय कुमार आदि
विशेष नोट- राहुल (शाहरुख खान) और निशा (करिश्मा कपूर) सबसे अच्छे दोस्त हैं और अपनी मंडली के साथ नृत्य-आधारित नाटक करते हैं। पूजा (माधुरी दीक्षित) एक शास्त्रीय रूप से प्रशिक्षित नर्तकी है। एक रिहर्सल के दौरान निशा के पैर में चोट लग जाती है और राहुल को अपने नए नाटक माया में मुख्य भूमिका निभाने के लिए किसी नए व्यक्ति को कास्ट करना पड़ता है। इसी दौरान राहुल को पूजा मिलती है जो उसके नाटक को करने को तैयार हो जाती है। निशा, जो चुपके से राहुल से प्यार करती है, पूजा को उसकी जगह लेने से जलन होती है। ईर्ष्या तब और गहरी हो जाती है जब उसे पता चलता है कि राहुल पूजा के प्यार में है। फिल्म में निशा और पूजा के बीच एक डांस प्लेऑफ दिखाया गया था, जिसमें निशा ने पूजा पर जाने के लिए अपनी चोट की परवाह नहीं की थी। माधुरी और शाहरुख आपको अपने किरदारों में विश्वास दिलाते हैं और आप निशा के गुस्से के प्रति सहानुभूति भी रखते हैं। उत्तम सिंह का संगीत फिल्म का दमदार पहलू है। टाइटल ट्रैक, ले गई ले गई, कोई लड़की है जैसे गाने और आज भी हमारे साथ गूंजते हैं। ‘दिल तो पागल है’ उस वर्ष की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बनी थी। एक नाटक का पूर्वाभ्यास करते समय दो व्यक्तियों के प्यार में पड़ने की कहानी में बेहतरीन संगीत, उम्दा अभिनय प्रदर्शन और माधुरी में एक केंद्रीय चरित्र है, जिससे हर महिला किसी न किसी तरह से जुड़ी हुई है। माधुरी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार सहित इस फ़िल्म को कुल 8 फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिले थे।
2. देवदास / Devdas (2002)
शैली– रोमांस-ड्रामा निर्देशक– संजय लीला भंसाली
मुख्य कलाकार– शाहरुख़ ख़ान, ऐश्वर्या राय, माधुरी दीक्षित, जैकी श्रॉफ़, किरण खेर आदि
विशेष नोट- इसमें माधुरी दीक्षित ने चंद्रमुखी का किरदार निभाया है जो एक वैश्या है। ये फिल्म शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास देवदास पर आधारित है। भारत में रिलीज के समय मिश्रित समीक्षा प्राप्त करने के बावजूद, देवदास को पश्चिमी फ़िल्म आलोचकों के बीच समीक्षकों द्वारा प्रशंसित किया गया था। इसे अब तक की सबसे महान फ़िल्मों में से एक माना जाता है। यह सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फ़िल्म के लिए भारत की ओर से ऑस्कर पुरस्कार के लिए भी भेजी गई थी। देवदास ने फ़िल्मफ़ेयर का सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार जीता था। साथ ही देवदास ने 5 राष्ट्रीय पुरस्कार और 10 फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीते। इस फ़िल्म के लिए माधुरी को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला था।
1. हम आपके हैं कौन..! / Hum Apke Hain Kaun..! (1994)
शैली– म्यूजिकल-रोमांस-ड्रामा निर्देशक– सूरज बड़जात्या
मुख्य कलाकार- माधुरी दीक्षित, सलमान ख़ान, मोहनीश बहल, रेणुका शहाणे, अनुपम खेर, रीमा लागू, आलोक नाथ आदि
विशेष नोट- ये फ़िल्म माधुरी की ही नहीं बल्कि सलमान खान और हिन्दी सिनेमा की भी बेस्ट फ़िल्मों में से है। बॉलीवुड में अब तक कई आईकोनिक फिल्में बन चुकी हैं। ये फिल्में दर्शक जितनी बार देख लें लेकिन मन नहीं भरता है। इन्हीं में से एक नाम आता है कि फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ का। 5 अगस्त 1994 को रिलीज हुई ये एक ऐसी फिल्म है जिसके नाम कई रिकॉर्ड्स तो हैं ही साथ ही में ये सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली फिल्म भी है। फिल्म में कुल 14 गाने थे और सभी ज़बरदस्त हिट हुए थे, लेकिन एक गाना जो सबसे ज़्यादा फेमस हुआ था वो था। ‘दीदी तेरा देवर दीवाना’ इस फ़िल्म की तक़रीबन 1 करोड़ यूनिट्स बिकी थीं। ‘हम आपके हैं कौन’ राजश्री प्रोडक्शंस की 1982 की फिल्म ‘नदिया के पार’ की मॉडर्न रीमेक थी। इस फिल्म ने कई अवॉर्ड्स जीते हैं, जिसमे बेस्ट पॉपुलर फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड भी शामिल है। इस फिल्म मे बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था। ‘हम आपके हैं कौन’ जब रिलीज़ हुई तो इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई थी कि सब लोग इसे देखना चाहते थे। इन्हीं सिने प्रेमियों में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा और उनकी पत्नी श्रीमती विमला शर्मा भी शामिल थीं। उनके लिए इस फिल्म की एक स्पेशल स्क्रीनिंग राष्ट्रपति भवन में भी रखवाई गई जहां उन्होंने फिल्म देखी और देखकर उसके निर्माता को बधाई दी।
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{अपडेट दिनांक:- 7 दिसंबर 2020}