21/11/2024

मिथुन चक्रवर्ती की टॉप 10 फ़िल्में

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मिथुन चक्रवर्ती की टॉप-10 फ़िल्में / Top 10 Films of Mithun Chakraborty

दुनिया भर में ‘डिस्को डांसर’ के नाम से मशहूर भारतीय फिल्मों के वरिष्ठ अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय फिल्म इंडस्ट्री सम्मान से ‘मिथुन दा’ कहकर पुकारती है। इस सम्मान को प्राप्त करने के लिए उन्होंने भारत की अलग-अलग भाषाओं बंगाली, हिंदी, ओड़िया, भोजपुरी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और पंजाबी में साढ़े तीन सौ से ज्यादा फिल्में की हैं। दो फिल्मफेयर पुरस्कार और तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाले मिथुन चक्रवर्ती को हिंदी सिनेमा के इतिहास के सबसे सफल अभिनेताओं में से एक माना जाता है। साल 1976 में आई “मृगया’ मिथुन चक्रवर्ती के करियर की पहली फिल्म थी। फिल्म में उनके अभिनय को काफी पसंद किया गया था। अच्छी एक्टिंग के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड भी मिला। हालांकि इस फिल्म के बाद उन्हें काफी दिनों तक काम नहीं मिला था। आइए इस लेख में मिथुन की टॉप 10 फ़िल्मों के बारे में चर्चा करते हैं।

10. जल्लाद / Jallaad (1995)

शैली– एक्शन-ड्रामा निर्देशक– टीएलवी प्रसाद

मुख्य कलाकार- मिथुन चक्रवर्ती, मौसमी चटर्जी, रंभा, मधु, कादर ख़ान, शक्ति कपूर, अवतार गिल, पुनीत इस्सर, प्रेम चोपड़ा, अमरीश पुरी आदि

विशेष नोट- इसमें मिथुन ने डबल रोल किया है जिसमें उन्होंने बाप बेटे का किरदार निभाया। बाप के निभाये नेगेटिव किरदार के लिए मिथुन को फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार मिला। फ़िल्म की कहानी के अनुसार क्रांति कुमार नाम का एक ईमानदार मेहनती पुलिस इंस्पेक्टर अपने दादा-दादी के साथ रहता है। अपने एक मिशन पर, उसे दक्षिण भारत भेजा जाता है, जहाँ उसे गाँव की एक लड़की कोयल से प्यार हो जाता है, जो अपने माता-पिता और छोटी बहन मुन्नी के साथ रहती है। क्रांति कुमार से प्रसन्न होकर, कोयल के माता-पिता भी उनके प्यार को स्वीकार करते हैं और उनकी शादी की घोषणा करने का फैसला करते हैं। अचानक उनकी सगाई के दौरान, गोपीनाथ नाम का एक रहस्यमय व्यक्ति क्रांति कुमार से उसकी जीवन शैली के बारे में पूछता है। तब गोपीनाथ ने खुलासा किया कि वह अमावस के नाम से एक भ्रष्ट राजनेता का हरामी बेटा है और अपने माता-पिता के बारे में नहीं जानने के लिए क्रांति कुमार का मजाक उड़ाता है। गुस्से में क्रांति कुमार ने गोपीनाथ को तब तक पीटा जब तक कि उसके दादा ने सच्चाई का खुलासा नहीं कर दिया। यह फिल्म सत्यराज अभिनीत तमिल फिल्म ‘अमैथि पदाई’ (Amaithi Padai) की रीमेक थी। यह फ़िल्म अभिनेत्री रंभा का बॉलीवुड डेब्यू थी।

9. प्यार झुकता नहीं / Pyar Jhukta Nahin (1985)

शैली– फैमिली-रोमांस निर्देशक– विजय सदानाह

मुख्य कलाकार- मिथुन चक्रवर्ती, पद्मिनी कोल्हापुरे, डैनी, बिन्दु, सीमा देव आदि

विशेष नोट- यह शशि कपूर अभिनीत ‘आ गले लग जा’ (1973) की रीमेक थी और इसमें एक अमीर लड़की, एक गरीब लड़के से मिलती है। प्रीति (पद्मिनी कोल्हापुरे) एक अमीर लड़की है जिसे फोटोग्राफर अजय (मिथुन चक्रवर्ती) से प्यार हो जाता है जो मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखता है। उसके पिता (डैनी डेन्जोंगपा) उसे पसंद नहीं करते हैं और शादी के बाद भी उनके बीच गलतफहमियां बोते हैं। वह एक बच्चे को जन्म देती है लेकिन उसका पिता पति से कहता है कि उसे बच्चा नहीं चाहिए क्योंकि उसे एक नया जीवन चाहिए और बेटी को बताता है कि उसका बच्चा मर गया है। वह अपना मानसिक संतुलन खो देती है। यह एक अत्यधिक भावनात्मक फिल्म थी। मिथुन और पद्मिनी की जोड़ी को खूब पसंद किया गया। यह साल की तीसरी सबसे बड़ी हिट थी जिसका बाद में तमिल, तेलुगू और कन्नड भाषा में रीमेक भी बना। इस फ़िल्म का यह गाना ‘तुमसे मिलकर… न जाने क्यूं…’ बहुत लोकप्रिय हुआ।

8. बॉक्सर / Boxer (1984)

शैली– एक्शन-ड्रामा-स्पोर्ट्स निर्देशक– राज सिप्पी

मुख्य कलाकार- तनुजा, मिथुन चक्रवर्ती, रति अग्निहोत्री, डैनी, शरत सक्सेना, परीक्षित साहनी आदि

विशेष नोट- राज एन सिप्पी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती एक बॉक्सर बने हैं। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती ने एक ऐसे बॉक्सर का किरदार निभाया है जो छह महीने जेल में बिताने के बाद बॉक्सिंग सीखता है और जुनून में आकर उस समय के बॉक्सिंग चैंपियन रहे रघुराज को चुनौती देता है। फिल्म में मिथुन के पिता का किरदार निभाने वाले डैनी डेंजोंगपा भी एक बॉक्सर रह चुके थे और वह भी रघुराज से हार चुके थे। फिल्म में कमाल की बात तो यह रही है कि डैनी और मिथुन लगभग एक ही उम्र के हैं फिर भी डैनी ने उनके पिता का किरदार निभाया है।

7. ग़ुलामी / Ghulami (1985)

शैली– एक्शन-ड्रामा निर्देशक– जे.पी. दत्ता

मुख्य कलाकार- धर्मेन्द्र, मिथुन चक्रवर्ती, नसीरुद्दीन शाह, रीना राय, स्मिता पाटिल, अनीता राज, कुलभूषण खरबंदा, रज़ा मुराद, अोम शिवपुरी, अवतार गिल आदि

विशेष नोट- निर्देशक जे.पी. दत्ता को देशभक्ति पर आधारित वॉर ड्रामा फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने इस फिल्म के साथ ही अपने निर्देशन में करियर की शुरुआत की। जेपी इससे पहले भी एक फिल्म ‘सरहद’ नाम से बना चुके थे जो रिलीज नहीं हो सकी। फिल्म में कुछ किसान जमीदारों से बगावत करके डकैत बन जाते हैं और फिर वह अपनी बेज्जती और शोषण का बदला उन जमींदारों को मार कर लेते हैं। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती एक सेना के जवान की भूमिका में नजर आए हैं जो सेना की नौकरी से छुट्टी लेकर अपने घर आता है। बाद में वह अपने परिजनों के साथ मिलकर उन सभी जमीदारों का विनाश करता है जो उसके गांव में आतंक फैलाते हैं। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती की स्टाइल में बोला गया संवाद “कोई शक” आज भी बहुत प्रचलित है।

6. सुरक्षा (1979)

शैली– एक्शन-क्राइम-ड्रामा निर्देशक– रविकान्त नागाइच

मुख्य कलाकार- मिथुन चक्रवर्ती, रंजीता कौर, अरुणा ईरानी, जगदीप, सुरेश ओबेराय, तेज सप्रू, प्रेमा नारायण आदि

विशेष नोट- इस फिल्म के साथ मिथुन चक्रवर्ती ने अपने आपको भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक कमर्शियल हीरो के रूप में स्थापित किया। इस छोटे बजट की जासूसी थ्रिलर फिल्म को रविकांत नागाइच ने निर्देशित किया है। इस फिल्म के बाद ही मिथुन चक्रवर्ती के आगे पीछे भारतीय सिनेमा के जाने-माने फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों की लाइन लग गई। इस फिल्म में मिथुन सीबीआई के एक अफसर गोपी की भूमिका में नजर आए हैं जिसका निकनेम होता है ‘गन मास्टर जी-9’। गन मास्टर जी-9 अपनी बुद्धि और विवेक के साथ काम करते हुए भारत में फैले आतंकवाद का सफाया करने का काम करता है। रविकांत नागायच ने इस फिल्म का ‘वारदात’ नाम से एक सीक्वल भी बनाया। इस साल सभी बड़े स्टार की फ़िल्में फ़्लॉप हुई लेकिन मिथुन की इस फ़िल्म ने बॉक्स ऑफ़िस पर सफलता के नये झंडे गाड़ दिये।

5. प्रेम प्रतिज्ञा (1989)

शैली– रोमांस-ड्रामा निर्देशक– बापू

मुख्य कलाकार- मिथुन चक्रवर्ती, माधुरी दीक्षित, विनोद मेहरा, रंजीत, नीलू फुले, सतीश कौशिक, देवेन वर्मा आदि

विशेष नोट- मिथुन चक्रवर्ती के पसंदीदा निर्देशक बापू के निर्देशन में बनी इस फिल्म में मिथुन, धक धक गर्ल माधुरी दीक्षित के साथ नजर आए। 1987 में माधुरी दीक्षित ने मिथुन चक्रवर्ती के साथ एक साथ तीन फिल्में साइन कर ली थीं जिनमें से ‘प्रेम प्रतिज्ञा’ भी एक रही। इसके अलावा ‘इलाका’ और ‘मुजरिम’ यह दोनों फिल्में भी ‘प्रेम प्रतिज्ञा’ के साथ बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन करने में कामयाब रहीं। इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती और माधुरी दीक्षित की जोड़ी लोगों को खूब पसंद आई। मिथुन ने राजा भैया का किरदार निभाया है जो अपने दोस्त के साथ काम की तलाश में शहर जाता है। जब उसे कोई काम नहीं मिलता तो वह वहाँ के लोकल गुंडे को पीठ पाटकर वहाँ का खुद दादा बन जाता है। महान गायक किशोर कुमार की आवाज में ‘शीशे की उम्र प्यार की’ गाना बहुत लोकप्रिय हुआ जो आज भी छोटे शहर कस्बों में खूब सुना जाता है। 

4. अग्निपथ (1990)

शैली– एक्शन-क्राइम-ड्रामा निर्देशक– मुकुल आनंद

मुख्य कलाकार- अमिताभ बच्चन, मिथुन चक्रवर्ती, माधवी, नीलम, डैनी, आलोक नाथ, रोहिणी हथंगडी, टीनू आनंद आदि

विशेष नोट- यश जौहर के निर्माण में बनी इस फिल्म को वैसे अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्मों में से एक माना जाता है लेकिन इस फिल्म के लिए मिथुन चक्रवर्ती ने भी सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार की भूमिका निभाकर फिल्म फेयर पुरस्कार जीता है। फिल्म में मिथुन का किरदार बहुत ही अनोखा था। जब मिथुन एक संघर्षशील कलाकार थे, उस समय वह देवियो नाम के एक शख्स के साथ एक कमरे में रहते थे। उस कमरे में देवियो बिस्तर पर सोता था जबकि मिथुन जमीन पर सोया करते थे। मिथुन का यह किरदार देवियो से ही प्रेरित है। यश जौहर के बेटे करण जौहर ने वर्ष 2012 में जब इस फिल्म का रीमेक बनाया तब उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती के किरदार कृष्णन को निकालकर ऋषि कपूर के किरदार राउफ लाला को जोड़ दिया था। हालांकि, फिर भी यह फिल्म देखी गई तो सिर्फ कांचा चीना के लिए।

3. स्वामी विवेकानंद (1998)

शैली– बायोपिक-ड्रामा निर्देशक– जी.वी. अय्यर

मुख्य कलाकार- सर्वदमन बैनर्जी, मिथुन चक्रवर्ती, राखी, शम्मी कपूर, शशी कपूर, हेमा मालिनी, अनुपम खेर, प्रदीप कुमार, ममूटी, जया प्रदा, मीनाक्षी शेषाद्रि आदि

विशेष नोट- जी वी अय्यर के निर्देशन में बनी इस बायोग्राफिकल ड्रामा में मिथुन चक्रवर्ती, स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस के किरदार में नजर आए। फिल्म के रिलीज होने के कुछ ही समय बाद इसे राष्ट्रीय चैनल दूरदर्शन पर भी प्रसारित कर दिया गया था। हालांकि, मिथुन चक्रवर्ती की सराहना चारों दिशाओं में की गई और इस फिल्म के लिए मिथुन चक्रवर्ती ने सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार के रूप में अपने करियर का तीसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।

2. मृगया (1977)

शैली– ड्रामा निर्देशक– मृणाल सेन

मुख्य कलाकार- मिथुन चक्रवर्ती, ज्ञानेश मुखर्जी, ममता शंकर, अनूप कुमार, टॉम अल्टर, साधु मेहर, असित बंद्योपाध्याय आदि

विशेष नोट- मिथुन चक्रवर्ती ने इस फिल्म के साथ अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की है। यह इतना आसान नहीं था। फिल्म के निर्देशक मृणाल सेन ने उन्हें एक इंस्टीट्यूट से खोजा था। उस दिन सभी छात्र डिप्लोमा और डिग्री के प्रमाण पत्र प्राप्त कर रहे थे। उस समय मृणाल की नजर मिथुन पर पड़ी जो बड़ी बेफिक्री के साथ कुछ खूबसूरत लड़कियों के साथ फ्लर्ट कर रहे थे। मिथुन का यह अंदाज मृणाल को पसंद आया और दो साल बाद उन्होंने अपनी इस फिल्म के लिए मिथुन को कास्ट किया। मिथुन ने इस फिल्म में एक असाधारण तीरंदाज घिनुआ का किरदार निभाया है जो अंग्रेजों से एक बड़े खेल के लिए शर्त लगाता है। हालांकि जीतने के बावजूद भी अंग्रेज उसे अपनी फितरत के अनुसार दंडित करते हैं। इस फिल्म में शानदार अभिनय के लिए मिथुन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया।

1. डिस्को डांसर (1982)

शैली– ड्रामा-म्यूजिकल-रोमांस निर्देशक– बब्बर सुभाष

मुख्य कलाकार- मिथुन चक्रवर्ती, किम, कल्पना अय्यर, ओम पुरी, बॉब क्रिस्टो, गीता, ओम शिवपुरी आदि

विशेष नोट- इस फिल्म से मिथुन चक्रवर्ती को सुपरस्टारडम मिला। उन्हें रातों रात भारत में तो लोग जानने ही लगे थे, साथ ही उन्होंने इस फिल्म से रूस तक अपनी गहरी पहचान बना ली थी। इस फिल्म के बाद वह एक डांसिंग स्टार के रूप में इस इंडस्ट्री में स्थापित हो गए थे। इस फिल्म के निर्देशक रहे बब्बर सुभाष के साथ मिथुन चक्रवर्ती ने ‘कसम पैदा करने वाले की’, ‘डांस डांस’ और ‘कमांडो’ जैसी भी सफल फिल्मों में काम किया। इस फिल्म की कहानी एक ऐसे गरीब लड़के की है जो बॉम्बे के स्लम इलाकों से उठकर पहले गलियों में अपनी प्रस्तुति देता है और फिर उसके बाद फर्श से अर्श तक का रास्ता तय करता है। डिस्को डांसर को विश्वव्यापी सफलता मिली, इसकी लोकप्रियता दक्षिणी/मध्य/पूर्वी एशिया, सोवियत संघ, पूर्वी यूरोप, चीन, मध्य पूर्व, तुर्की और पूर्वी/पश्चिमी अफ्रीका में फैली हुई थी। यह सोवियत संघ में हिन्दी की सबसे सफल फिल्मों में से एक थी, जहाँ इसने 60.9 मिलियन दर्शकों को आकर्षित किया। यह भारत की सबसे पहली 100 करोड़ रुपए कमाने वाली फिल्म थी, जिसें बाद में “हम आपके हैं कौन” (1994) ने पीछे छोड़ा।

मिथुन की अन्य महत्त्वपूर्ण फ़िल्में

हम पांच (1980), तहादेर कथा (1992), ताराना (1979), वारदात (1981), गुरु (2007), कसम पैदा करने वाले की (1984), ओएमजी: ओह माय गॉड (2012), मुजरिम (1989), शौकीन (1982)। {अपडेट दिनांक:- 12 सितंबर, 2024}

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