बॉलीवुड की टॉप-10 रोमांटिक फ़िल्में
1 min readप्यार और रोमांस की कहानियां बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं के साथ साथ भारतीय दर्शक भी बहुत ज़्यादा पसंद करते हैं। ये रोमांटिक बॉलीवुड फिल्में जो हमारी पीढ़ी के प्यार को परिभाषित करती हैं। बॉलीवुड में रोमांटिक फिल्मों का चलन पहले से रहा है कुछ एक्टर तो सिर्फ रोमांटिक फिल्मों के लिए ही जाने जाते हैं जैसे राजेश खन्ना (Rajesh Khanna), शाहरुख़ खान (Shah Rukh Khan) आदि। बॉलीवुड में कई रोमांटिक फिल्में बनी है और उसमें ज्यादातर फिल्में हिट रही हैं हम इस लेख के जरिये आप लोगो को कुछ ऐसी फ़िल्में बताने जा रहे हैं जिन फिल्मों को लोगों का खूब प्यार मिला और इन फिल्मों में मोहब्बत को बखूबी दिखाया गया है, इश्क़ के साथ ये फ़िल्में दिल को छू जाती हैं, इन फिल्मों में बेइंतहा प्रेम की एक अनोखी कहानी दिखायी गयी है। आप इन फिल्मों को एक बार जरूर देख सकते हैं, ये फ़िल्में आपको बहुत पसन्द आयेंगी। ध्यान रहे कि हम इस लेख में आधुनिक पीढ़ी की यानि वर्ष 2000 के बाद रिलीज फ़िल्मों को शामिल कर रहे हैं। यदि आपकी रोमांटिक मनपसंद मूवी इस सूची में नहीं है तो हमें कमेंट कर जरूर बतायें। यदि आपके अलावा अन्य लोगों ने भी उस मूवी को पसंद किया है तो हम उसे सूची में जरूर शामिल करेंगे।
बॉलीवुड की टॉप-10 रोमांटिक फ़िल्में / Top 1o Romantic Films of Bollywood
10. बरेली की बर्फ़ी / Bareilly Ki Barfi (2017)
दंगल के निर्देशक नितेश तिवारी की पत्नी अश्विनी अय्यर तिवारी द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म में आयुष्मान खुराना, कृति सैनन और राजकुमार राव मुख्य भूमिकाओं में हैं। फ़िल्म की कहानी नितेश तिवारी और श्रेयस जैन ने लिखी है, और यह निकोलस बैरौ के फ्रेंच उपन्यास “द इंग्रेडिएंट्स ऑफ़ लव” पर आधारित है। फ़िल्म की कहानी बरेली में रहने वाली बिट्टी (कृति सैनन) के इर्द गिर्द घूमती है, जिसके जीवन में लेखक प्रीतम विद्रोही (राजकुमार राव) की एक किताब पढ़ने के बाद बड़ा बदलाव आता है, और फिर विद्रोही से मिलने की कोशिश में उसकी मुलाकात पुस्तक के प्रकाशक चिराग दुबे (आयुष्मान खुराना) से होती है, जो उस पुस्तक का वास्तविक लेखक है। कृति सेनन की यह अब तक की बेस्ट फ़िल्म है। यूपी के लहजे को उन्होंने अच्छे से पकड़ा और बिंदास बिट्टी की भूमिका बेहतरीन निभाई है। फ़िल्म को बॉक्स ऑफ़िस पर अच्छी सफलता मिली और समीक्षकों को भी पसंद आयी। इस फ़िल्म ने 2 फ़िल्मफेयर पुरस्कार, 2 स्क्रीन अवार्ड और 1 आईफ़ा अवार्ड के अलावा अन्य कई पुरस्कार अपने नाम किये हैं।
9. द लंच बॉक्स / The Lunchbox (2017)
‘लंचबॉक्स’ कहानी है दो अजनबियों की जो किस तरह एक युवा महिला और रिटायरमेंट की दहलीज पर खड़ा एक व्यक्ति ‘लंच बॉक्स’ के जरिए एक दूसरे को जान पाते हैं और प्यार कर बैठते हैं। इसमें इरफ़ान ख़ान, निमरत कौर और नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने मुख्य कलाकारों की भूमिका अदा की है। फ़िल्म को 2013 के कान फ़िल्म महोत्सव में भी प्रदर्शित किया गया है। लेखक-निर्देशक रितेश बत्रा की ये पहली फिल्म है और जिस सादगी से वो भावनाओं का बयान कर गए हैं वो तारीफ़ के क़ाबिल है। फिल्म में सभी का अभिनय ऊंचे दर्जे का है। अकेला, उम्रदराज और थक चुका साजन का किरदार इरफ़ान ख़ान ने अद्भुत तरीके से निभाया है। निमरत कौर और नवाजुद्दीन सिद्दिक़ी ने अपने-अपने किरदारों को जिया है। यह लंचबॉक्स स्वादिष्ट व्यंजनों से भरपूर है।
8. रहना है तेरे दिल में / Rehnaa Hai Terre Dil Mein (2001)
2001 में बनी इस बेहतरीन फ़िल्म को बॉलिवुड की अब तक की सबसे रोमांटिक फिल्मों में से एक माना जाता है। इसका लेखन-निर्देशन गौतम मेनन ने किया। मुख्य भूमिकाओं में आर. माधवन, दीया मिर्जा और सैफ अली ख़ान हैं। यह एक लोकप्रिय तमिल फिल्म मिन्नेल (Minnale) की रीमेक है। फिल्म रिलीज के समय इतनी सफल नहीं थी, लेकिन यह तब से अब भारतीय युवाओं के बीच खासा लोकप्रिय हुई है। गीत “सच कह रहा है दीवाना” और “ज़रा ज़रा महकता है” विशेष रूप से लोकप्रिय हुए थे। बाकी गीत भी प्रसिद्धि पाए थे। इस फिल्म के संगीतकार हैरिस जयराज ने तमिल संकरण में भी संगीत दिया था।
7. देवदास / Devdas (2002)
ये फिल्म शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास देवदास पर आधारित है। इसमें शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित ने क्रमश: देवदास, पारो और चंद्रमुखी का किरदार निभाया है। देवदास को फिल्म आलोचकों के बीच समीक्षकों द्वारा प्रशंसित किया गया था और इसे अब तक की सबसे महान फिल्मों में से एक माना जाता है। यह सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए भारत की ओर से ऑस्कर पुरस्कार में भी भेजी गई थी। संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म ने 5 राष्ट्रीय पुरस्कार और 10 फिल्मफेयर पुरस्कार जीते हैं। इसे हिन्दी के साथ साथ 6 अन्य भाषाओं में भी दिखाया गया। जिसमें अंग्रेजी़, गुजराती, फ्रांसीसी, मंदारिन, थाई और पंजाबी शामिल है। देवदास के डायलॉग बहुत प्रसिद्ध हुए-
- “कौन कमबख्त बर्दाश्त करने के लिए पीता है, हम तो पीते हैं कि यहां बैठ सके, तुम्हें देख सकें, तुम्हें बर्दाश्त कर सकें।”
- “औरत मां होती है, बहन होती है, पत्नी होती है, दोस्त होती है… और जब वो कुछ नहीं होती तो वो तवायफ होती है।”
6. परिणीता / Parineeta (2005)
देवदास की तरह ये भी शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के बांग्ला उपन्यास ‘परिणीता’ पर आधारित है। प्रदीप सरकार द्वारा निर्देशित यह फिल्म के विधु विनोद चोपड़ा ने लिखी एवं निर्मित की। फिल्म में विद्या बालन, संजय दत्त और सैफ अली खान मुख्य भूमिकाओं में हैं। राइमा सेन, सब्यसाची चक्रवर्ती, दीया मिर्जा और रेखा आदि ने भी सहायक भूमिकाएं निभाई हैं। यह फिल्म भरतीय साहित्य और सिनेमा के लिए एक आकर्षण है। रिलीज़ से पहले अवरोधों के बावजूद इसे खूब प्रशंसा मिली और 4 फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीते। परिणीता के निर्देशक प्रदीप सरकार ने बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर का राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता। परिणीता को कई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में दिखाया गया।
5. रांझणा / Raanjhanaa (2013)
आनंद एल राय द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म में धनुष, सोनम कपूर, अभय देयोल स्वरा भास्कर, मोहम्मद जीशान अय्यूब ने मुख्य भूमिका निभाई है। यह फिल्म एक बेहतरीन प्रेम कहानी है जिसमें कुंदन शंकर (धनुष) वाराणसी में रहने वाला एक भारतीय हिंदू है और वह भोलेनाथ में प्रबल विश्वास रखता है। बचपन से वह ज़ोया नाम की मुस्लिम लड़की से प्यार करने लगता है। इस फ़िल्म का तमिल संस्करण ‘अंबिकापथी’ के नाम से है। ए.आर. रहमान द्वारा दिया गया संगीत बेहद कर्णप्रिय है। फ़िल्म में बनारसिया, तुम तक, टाइटल ट्रैक और तू मन शुद्धि बेहतरीन गाने हैं।
4. बर्फ़ी / Barfi! (2012)
1970 के दशक में घटित फ़िल्म की कहानी दार्जिलिंग के एक गूंगे और बहरे व्यक्ति मर्फी “बर्फी” जॉनसन के जीवन और उसके दो लड़कियों श्रुति और झिलिमिल के साथ सम्बन्धों को दर्शाती है। फ़िल्म में मुख्य भूमिका में रणबीर कपूर, प्रियंका चोपड़ा और इलियाना डी’क्रूज़ हैं तथा सहायक अभिनय करने वाले सौरभ शुक्ला, आशीष विद्यार्थी और रूपा गांगुली हैं। जब भी बॉलीवुड में किसी बीमारी से ग्रस्त किरदारों पर फिल्म बनाई जाती है तो निर्देशक के लिए ये बहुत ही मुश्किल होता है कि दर्शक उसके प्रति दया नहीं बल्कि प्यार का भाव जताएं। फ़िल्म के निर्देशक अनुराग बासु ने बर्फी के जरिये ये कर दिखाया। फ़िल्म को ऑस्कर नामांकन के लिए भारतीय आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुना गया। 58वें फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में बर्फ़ी ने सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (रणबीर कपूर) तथा सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक (प्रीतम) सहित 7 पुरस्कार जीते।
3. दिल चाहता है / Dil Chahta Hai (2001)
आमिर ख़ान, सैफ़ अली ख़ान, अक्षय खन्ना, प्रीति जिंटा, सोनाली कुलकर्णी और डिंपल कपाड़िया अभिनीत ये फ़िल्म फ़रहान अख्तर द्वारा लिखित और निर्देशित पहली फिल्म है। फिल्म ने हिन्दी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था। फ़िल्म तीन दोस्तों की कहानी दर्शाती है, कि कैसे तीन युवक उम्र के साथ ज़िम्मेदारी समझते हैं। इस फ़िल्म की संगीत एल्बम भारत में काफी प्रसिद्ध हुई और इसे ‘बीबीसी एशियन नेटवर्क’ ने अपनी ‘टॉप 40 साउंडट्रैक्स ऑफ आल टाइम’ की सूची में, तथा ‘प्लेनेट बॉलीवुड’ ने अपनी 100 सर्वश्रेष्ठ बॉलीवुड एल्बमों की सूची में शामिल किया।
2. वीर ज़ारा / Veer-Zaara (2004)
रोमानी रिश्तों के जादूगर ‘यश चोपड़ा’ द्वारा निर्देशित यह फ़िल्म एक बेहतरीन प्रेम कहानी है। इसमें भारतीय वायु सेना में स्क्वाड्रन लीडर वीर प्रताप सिंह (शाहरुख़ खान) और पाकिस्तान की ज़ारा हयात खान (प्रीति ज़िंटा) के बीच प्रेम दिखाया गया है। फ़िल्म के गीतों के बोल जावेद अख्तर ने दिए हैं और संगीत निर्देशन मदन मोहन ने फ़िल्म के बनने से 20 साल पहले दिया था। फिल्म को 4 फ़िल्मफेयर पुरस्कार, 7 आईफ़ा अवार्ड्स के अलावा ‘सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म प्रदान करने वाला सर्वश्रेष्ठ मनोरंजन’ का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला है। फ़िल्म में रानी मुखर्जी, मनोज बाजपेयी, अनुपम खेर, दिव्या दत्ता ने भी अहम भूमिका निभाई हैं।
1. जब वी मेट / Jab We Met (2007)
यह बॉलीवुड की इस जनरेशन की सबसे क्लासिक लव स्टोरी है। इम्तियाज़ अली के निर्देशन और करीना कपूर-शाहिद कपूर की जोड़ी ने दर्शकों पर गहरा असर छोड़ा। फिल्म एक पंजाबी लड़की की कहानी है, जिसकी ट्रेन में मुंबई के एक उद्योगपति से मुलाकात होती है, जो जिंदगी से उदास है। वह एक स्टेशन पर उतर जाता है, उसे वापस ट्रेन पर बुलाने की कोशिश में वो भी उतर जाती है, दोनों किसी अनजान शहर में खड़े हैं और उनकी ट्रेन छूट जाती है। व्यक्ति अपने कॉर्पोरेट जॉब के दबाव में रह चुका है, उसके दिमाग में कोई गंतव्य नहीं है, लड़की उस पर अपने घर तक साथ जाने के लिए दबाव डालती है और उसे अपने गुप्त प्रेमी के बारे में बताती है। फ़िल्म के गीत बहुत प्रसिद्ध हुए जिनमें एक ‘ये इश्क़ हाय’ को गाने वाली श्रेया घोषाल को और इसी गाने की कोरियोग्राफी करने वाली सरोज ख़ान को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। करीना कपूर को फ़िल्मफेयर, स्टार स्क्रीन, आईफ़ा, ज़ी सिने, स्टारडस्ट सहित कई पुरस्कार समारोहों में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का ख़िताब मिला।
टॉप 11-15
तुम बिन, लुटेरा, सोचा न था, नमस्ते लंदन, जाने तू… या जाने ना।
विशेष उल्लेख
मसान, रेनकोट, तमाशा, ऑक्टोबर, हम तुम, तेरे नाम, लव आज कल (2009), यहाँ… (2005), सनम तेरी कसम, आशिक़ी 2, विवाह, दम लगा के हईशा, हमारी अधूरी कहानी, हनीमून ट्रावेल्स प्रा.लि. ऐ दिल है मुश्किल, बैंड बाजा बारात, टू स्टेट्स, तनु वेड्स मनु, रॉकस्टार, कॉकटेल, ये जवानी है दिवानी। {अपडेट दिनांक:- 23 मार्च 2021}
विशेष नोट:- यह सूची/रेटिंग इंटरनेट पर उपलब्ध स्रोतों एवं बॉलीवुड ख़ज़ाना टीम के गहन विश्लेषण के बाद तैयार की गयी है। यहाँ पर आधुनिक बॉलीवुड की 21वीं शताब्दी में रिलीज़ अर्थात वर्ष 2000 से रिलीज फ़िल्मों को ही लिया गया है। इस सूची में शामिल फ़िल्म का बॉक्स ऑफ़िस पर हिट होना आवश्यक नहीं है। समय और दर्शकों की पसंद के अनुसार यह सूची अपडेट होती रहती है। |