फिर से रिलीज होगी तुम्बाड
1 min readहिन्दी सिनेमा की बेहतरीन फ़िल्मों में शामिल ‘तुम्बाड’ 13 सितम्बर, 2024 को सिनेमाघरों में दुबारा रिलीज हो रही है। यदि आपने अभी तक ये मास्टरपीस नहीं देखी और अवसर मिले तो अवश्य देखें। इसको सिनेमाहॉल में बहुत ही कम दर्शकों ने देखा है! 2018 में रिलीज इस फ़िल्म की IMDb रेटिंग आज भी 8.2 है। इसकी मायथोलॉजिकल कहानी का शानदार प्रस्तुतिकरण, बेहतरीन पार्श्व संगीत एवं हॉरर, अद्भुत अभिनय और मास्टरक्लास निर्देशन इसे मस्ट वॉच कैटगरी में रखता है। इस फ़िल्म को एक काल्पनिक, पौराणिक गाँव में स्थापित हॉरर और फंतासी के अनोखे मिश्रण के लिए खूब पसंद और सराहा गया है। यह फिल्म 2024 में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर नहीं आएगी, इसलिए इसे देखने का सबसे बेहतरीन मौका 13 सितंबर, 2024 को सिनेमाघरों में होगा।
निर्माताओं ने जारी किया नया पोस्टर
निर्माताओं द्वारा अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया पर शेयर किए गए नए पोस्टर में तुम्बाड के खौफनाक माहौल को दिखाया गया है। इसमें नायक विनायक राव (सोहम शाह द्वारा निभाया गया किरदार) को अपने छोटे बेटे के साथ हाथ में लालटेन लिए, भयावह रात में आगे बढ़ते हुए दिखाया गया है। दोनों किरदार एक खतरनाक सफर पर हैं, जो कहानी में मौजूद एक जोखिम भरे मिशन की ओर इशारा करती है। पोस्टर में दिखाई गई डरावनी छवियां, जिसमें एक गहरे, अलौकिक साये की मौजूदगी शामिल है, छिपे खजाने की खोज में उनके सामने आने वाले डर को पेश करती हैं। पोस्टर संग निर्माताओं ने टैगलाइन दिया है, “सिनेमाघरों में 13 सितंबर, 2024 को करें अनुभव”, इस तरह से यह बड़े पर्दे पर एक यादगार अनुभव का वादा करती है।
तुम्बाड, जिसे राही अनिल बर्वे ने डायरेक्ट किया, आनंद गांधी ने क्रिएटिव डायरेक्टर के रूप में मार्गदर्शन किया और आदेश प्रसाद ने को-डायरेक्ट किया, को इसकी दिलचस्प कहानी, प्रभावशाली सिनेमैटोग्राफी और अद्भुत प्रोडक्शन डिजाइन के लिए बहुत सराहना मिली है। मितेश शाह, प्रसाद, बर्वे और गांधी द्वारा लिखित, फिल्म को सोहम शाह, आनंद एल राय, मुकेश शाह और अमिता शाह ने प्रोड्यूस किया था। विनायक राव की यह कहानी लालच और जुनून की गहराई में उतरने की है, जहां वह हस्तर नाम के दुष्ट प्राणी के पहरे में रखे गए एक पौराणिक खजाने की खोज में लगा है।
अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सराहना
तुम्बाड क्रिटिकल रूप से सफल रही, जिसे 64वें फिल्मफेयर अवार्ड्स में आठ नॉमिनेशन हासिल हुए थे, जिसमें से बेस्ट सिनेमेटोग्राफी, बेस्ट आर्ट डायरेक्शन और बेस्ट साउंड डिजाइन के लिए तीन अवार्डस मिले थे। तुम्बाड 75वें वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में क्रिटिक्स वीक सेक्शन में दिखाई जाने वाली पहली इंडियन फिल्म थी। सोहम शाह के दमदार परफॉर्मेंस के अलावा, कास्ट में ज्योति मालशे और अनीता दाते-केलकर शामिल थे, जिन्होंने फिल्म की कहानी को डरावनी और आकर्षक बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। तुम्बाड का सिनेमाघरों में वापस आने के साथ, यह री-रिलीज़ न सिर्फ फिल्म को फिर से देखने का मौका है बल्कि यह लालच, पौराणिक कथाओं और डरावनी दुनिया को एक बार फिर से देखने का अवसर है, जिसने छह साल पहले दर्शकों को रोमांचित किया था।