21/11/2024

विद्या बालन की ‘शकुंतला देवी’ ने रिलीज से पहले ही किया धमाका

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विद्या बालन (Vidya Balan) की फ़िल्म ‘शकुंतला देवी’ (Shakuntala Devi) की रिलीज से पहले गिनीज वर्ल्ड रेकॉडर्स ने स्वर्गीय शकुंलता देवी को ‘सबसे तेज ह्यूमन कंप्यूटर’ होने का सर्टिफिकेट प्रदान किया है। अमेजन प्रेजेंट्स शकुंतला देवी भारतीय भाषा में पहली बायोपिक है, जिसका एक्सक्लूसिव ग्लोबल प्रीमियर गिनीज वर्ल्ड रेकॉडर्स ने स्वर्गीय शकुंतला देवी को सबसे तेज ह्यूमन कंप्यूटर (फास्‍टेस्‍ट ह्यूमन कम्‍प्‍यूटर) के खिताब से सम्मानित किया है। अमेजन प्राइम वीडियो पर मैथ्स की जीनियस शकुंतला देवी की बायोपिक की रिलीज से थोड़े ही दिन पहले इस सर्टिफिकेट का मिलना एक सरप्राइज एक तौर पर सामने आया है, जिसका सभी ने स्वागत किया है।

शकुंतला देवी की बेटी अनुपमा बनर्जी

अंकों की सबसे तेज गणना का रिकॉर्ड

अंकों की सबसे तेज गणना करने का ह्यूमन रेकॉर्ड 28 सेकंड का हैं और यह भारतीय महिला शकुंतला देवी (Shakuntala Devi) ने बनाया था। उन्होंने 18 जून 1980 को ब्रिटेन के लंदन के इंपीरियल कॉलेज में एकाएक और बिना सोचे समझे चुनी गई 13-13 अंकों की दो संख्याओं को सफलतापूर्वक रेकॉर्ड समय में गुणा कर यह रेकॉर्ड बनाया था। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉडर्स (Guinness Book Of world Records) की ओर से दिए गए सर्टिफिकेट को स्वर्गीय शकुंतला देवी की ओर से उनकी बेटी अनुपमा बनर्जी ने हासिल किया। मैथ्स की जीनियस शकुंतला देवी की असाधारण और खास जिंदगी का जश्न मनाने के लिए अमेजन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) शकुंतला देवी पर बनी शानदार बायोपिक का ग्लोबल प्रीमियर करने के लिए बिल्कुल तैयार है।

फ़िल्म ‘शकुंतला देवी’

इस फिल्म में व्यक्तिगत और व्यावसायिक स्तर पर उनकी विभिन्न उपलब्धियों को उभारा गया है। फिल्म का लेखन और निर्देशन अनु मेनन ने किया है, जबकि सोनी पिक्चर्स नेटवर्क, इंडिया और विक्रम मल्होत्रा ने फिल्म का निर्माण एबंडंशिया एंटरटेनमेंट के अपने बैनर के तले किया है। फिल्म में विद्या बालन शकुंतला देवी (Shakuntala Devi) की भूमिका में नजर आएंगी। फिल्म में सान्या मल्होत्रा ने शकुंतला देवी की बेटी अनुपमा बनर्जी का रोल निभाया है। इसके साथ ही जिशु सेनगुप्ता और अमित साध फिल्म के अन्‍य महत्‍वपूर्ण किरदारों को निभा रहे हैं।

‘सबसे तेज ह्यूमन कंप्यूटर’ का खिताब

स्वर्गीय शकुंतला देवी की बेटी अनुपमा बनर्जी ने कहा, “अपनी मां की उपलब्धि पर उनके लिए सम्मान हासिल करने का पल मेरे लिए काफी भावुक कर देने वाली खुशी का क्षण है। ‘सबसे तेज ह्यूमन कंप्यूटर’ होने का खिताब एक रोमांचक उपलब्धि है। यह खिताब केवल मेरी मां ही हासिल कर सकती थीं। मैं काफी खुश हैं कि इस बायोपिक को बनाते समय मुझे अपनी मां की जिंदगी, उनके व्यक्तित्व, आदतों और स्वभाव के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने का मौका मिला। इससे मैंने यह सुनिश्चित किया कि लोग मेरी मां को उसी रूप में जानें, जैसी अपनी जिंदगी में वह थी। वह काफी जिंदादिल, खुशमिजाज और वाकई अमेजिंग और अद्भुत थीं। वह पागलपन की हद तक मैथ्स से प्यार करती थीं; उनमें गणित के सवालों को हल करने का जुनून था। वह हमेशा मैथ्स को एक लेवल आगे ले जाना चाहती थीं। गणित के मुश्किल सवालों को चुटकियों में हल करने की उनकी यही पहचान उन्हें काफी खुश कर देती थी। उन्हें अपनी गणित संबंधी क्षमताओं पर बेहद नाज था, जिसने मैथ्स की कैलकुलेशन के क्षेत्र में सभी को पीछे छोड़ दिया है।”

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