250 करोड़ में बनी ‘पठान’ ने 300 करोड़ कमा भी लिये तो क्या होगा..?
बॉलीवुड के किंग खान यानि ‘शाहरुख ख़ान’ की आने वाली फ़िल्म ‘पठान’ का टीजर मुझे कुछ ख़ास नहीं लगा और अब ‘बेशरम रंग’ गाना देखकर तो फ़िल्म देखने का मन ही नहीं रहा। पता नहीं क्यों शाहरुख खुद को टाइगर श्रॉफ जैसा दिखाना चाहते हैं। जो काम शाहरुख कर सकते हैं वो क्यों नहीं रहे, ये अंग प्रदर्शन, एक्शन बाजी, टशनबाजी, डांस तो टाइगर श्रॉफ, वरुण धवन भी कर लेंगे। टाइगर, वरुण जो नहीं कर सकते वो शाहरुख को करना चाहिए। इतनी सी बात कैसे एक बादशाह जैसे एक्टर को समझ नहीं आ रही, ये मेरी समझ से बाहर है। एक सिने प्रेमी के तौर पर मुझे अब तक ‘पठान’ में कुछ भी क्रिएटिव नहीं दिखा सिवाय इसके कि इसमें बहुत पैसा लगा है, स्केल बहुत बड़ा है, लोकेशन अच्छी है… बगैरा बगैरा… लगभग 30 साल से फ़िल्में कर रहे शाहरुख अपनी फ़िल्म में भी कुछ नया नहीं करेंगे तो दर्शक किसे उम्मीद रखेगा?
- क्यों शाहरुख को सिर्फ हिट की तलाश में हैं? किसको दिखाना है?
- क्यों अब भी इतनी इनसिक्योरिटी है?
- क्या शाहरुख को पैसे की कमी है?
- क्यों स्वदेश, चक दे इंडिया जैसी फ़िल्म नहीं कर सकते?
- दुनिया भर में इतने फेमस होने के बाद कब तक सिर्फ पैसे कमाने की सोचोगे?
- क्यों सिनेमा के लिये कुछ नहीं कर सकते?
- यही बात मैं सलमान खान, अक्षय कुमार से भी कहना चाहता हूँ कि कब तक सिर्फ हिट के लिए काम करोगे? क्या सिनेमा के प्रति आपका कोई दायित्व नहीं है?
क्यों बजरंगी भाईजान, पैडमैन जैसी और फ़िल्में नहीं बना रहे? क्यों साउथ की रीमेक बनाकर सिर्फ पैसे कमाने पर ज़ोर है? भारतीय सिनेमा से सब कुछ पाकर भी आप सिनेमा को अब कुछ देने के बजाय अब भी सिर्फ पैसे कमाने का भूत क्यों सवार है? 55 साल से ऊपर होने के बाद भी वही रोमांस, एक्शन, स्वैग से स्वागत, घिसी पिटी कहानी पर फ़िल्म, पहले से हिट फॉर्मूले पर पॉलिश कर किसी भी तरह हिट का तमगा हासिल करके क्या और किसे दिखाना चाहते हैं ये सुपरस्टार्स?
क्यों इनके मन में नहीं आता कि कोई ऐसी फ़िल्म बनाये जो भारतीय सिनेमा को आगे ले जाये, खुद इनके कला योगदान को आगे ले जाये, फ़िल्म नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर दुनिया भर में सराही जाये। शाहरुख ने अपने कैरियर के शुरुआत में रिस्क (डर, अंज़ाम, बाज़ीगर) लिये अब क्यों नहीं ले सकते जबकि अब कुछ भी बिगडने वाला नहीं। शाहरुख की लास्ट रिलीज ‘ज़ीरो’ 2018 में आयी जिसमें उन्होंने कैटरीना कैफ़ के साथ रोमांस किया और अब 4 साल ‘पठान’ में दीपिका पादुकोण के साथ रोमांस कर रहे हैं। क्या फ़र्क है, क्या बदल गया? इसके बाद एटली कुमार के निर्देशन में ‘जवान’ आयेगी वो भी मसाला एक्शन होगी।
साल 2017 में अनुपम खेर को दिए एक इंटरव्यू में अक्षय कुमार ने कहा था कि “अब मैं ऐसी स्थिति में पहुंच गया हूँ, जहाँ मैं सिर्फ पैसे कमाने के लिए नहीं सोचता, अब मैं सिनेमा को कुछ देना चाहता हूँ।” लेकिन ऐसा हुआ नहीं क्योंकि ‘पैड मैन’ के अलावा अक्षय की किसी फ़िल्म से ऐसा नहीं लगा जैसा उन्होंने कहा था। सलमान ख़ान की आने वाली दोनों फिल्में ‘किसी का भाई किसी की जान’ और ‘टाइगर 3’ सिर्फ खुद को स्टार बनाये रखने के लिए ही हैं। ये सिनेमा के इतिहास में कूड़े के ढेर में चली जाएंगी।
मान लो ₹ 250 करोड़ में बनी ‘पठान’ यदि ₹ 300 करोड़ कमा भी लेगी तो क्या मिल जाएगा? कौन होगा जो 250 करोड़ लगाकर सिर्फ 300 करोड़ कमाना चाहेगा। यशराज बैनर्स के दिन भी बहुत खराब चल रहे हैं जो 2019 में आयी ‘वार’ के बाद से एक अदद हिट को तरस रहा है और मुझे ‘पठान’ के हिट होने में भी बहुत बड़ा सन्देह है क्योंकि जिस तरह शाहरुख ने प्रोमोशन शुरू किया है, फ़िल्म से कोई ज़्यादा उम्मीद नहीं लग रही। ~गोविन्द परिहार (13.12.2022)
बहुत सही लिखा है आप ने 🙏🙏
जी बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🏻