21/11/2024

फ़्लैशबैक: क्यों टूट गई थी करिश्मा और गोविंदा की जोड़ी

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गोविंदा और करिश्मा कपूर की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री ने बॉलीवुड को कई हिट फिल्में दी है। ‘कुली नंबर वन’ से लेकर ‘शिकारी’ तक। असल में उनका सिनेमाई तालमेल दर्शकों को आकर्षित करता था लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि करिश्मा ने गोविंदा से किनारा कर लिया, बता रही हैं वरिष्ठ पत्रकार जयंती रंगनाथन। 

बॉलीवुड में करिश्मा कपूर और गोविंदा की जोड़ी नब्बे के दशक की एक लोकप्रिय जोड़ी थी। इन दोनों ने मिलकर साथ में ग्यारह फिल्में की हैं और इनमें से अधिकांश फिल्में बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट भी रही हैं। ‘कुली नंबर वन’, ‘हीरो नंबर वन’, ‘राजा बाबू’, ‘हसीना मान जाएगी’, ‘साजन चले ससुराल’, ‘खुद्दार’ उनमें से कुछ फिल्में है। देखा जाए तो करिश्मा के फिल्मी करियर को इन्हीं फिल्मों ने आगे बढ़ाया। फिर क्या वजह थी कि अचानक करिश्मा ने गोविंदा के फिल्में करने से मना कर दिया? उस समय फिल्मी गलियारे में यह भी चली थी कि गोविंदा करिश्मा से किसी बात पर नाराज हैं। इसलिए उन्होंने करिश्मा के साथ फ़िल्म साइन करने से मना कर दिया। बात तो यह भी उड़ी थी कि रानी मुखर्जी और रवीना टंडन की गोविंदा से बढ़ती नजदीकियों की वजह से ही करिश्मा कपूर खफा हो गई थीं। यह बात भी कुछ लोगों ने कही कि करिश्मा कपूर,अभिषेक बच्चन के साथ शादी के बाद फिल्मों को अलविदा कहना चाहती हैं, इसलिए वो फिल्में साइन नहीं कर रहीं लेकिन ये सब बातें महज एक अफवाह रहीं। इनमें से किसी भी बात में कोई जड़ नहीं थी। फिल्म ‘दिल तो पागल है’ की शूटिंग के दौरान करिश्मा कपूर ने अपने एक इंटरव्यू में कहा- दरअसल, मैं अपनी इमेज बदलना चाहती थी। मुझे लगता था कि मैं लोकप्रिय तो हो गई, पैसे भी कमा लिए, पर मुझे कोई गंभीरता से नहीं लेता था। मैं एक गम्भीर निर्देशक से मिली थी। उन्होंने कहा कि तुम यह रोल नहीं कर पाओगी। यह सीरियस भूमिका है। उस वक्त मेरे दिल को चोट पहुंची कि क्या मुझे गंभीर भूमिकाओं के लायक नहीं समझा जा रहा?’

तो क्या यही वजह थी गोविंदा व करिश्मा की जोड़ी टूटने की। यही नहीं, ये वो समय था जब बॉलीवुड में खानों की तूती बोलती थी। शाहरुख खान, आमिर खान और सलमान खान टॉप पर थे और यह माना जाता था कि जिस नायिका ने उनके साथ काम कर लिया, वो ‘ए’ लेवल की होगी। इसी कोशिश में करिश्मा ने तय किया कि वो फिल्में ऐसी ही करेंगी, जिसमें नायक ‘ए’ क्लास के हों और उनकी भूमिका भी अलग और गंभीर हो। इस क्रम में आमिर खान के साथ आई उनकी फिल्म ‘राजा हिंदुस्तानी’ खूब हिट हुई। दर्शकों के साथ-साथ फिल्म आलोचकों ने भी उनकी तारीफ की। इसके बाद उन्होंने यश चोपड़ा की फिल्म ‘दिल तो पागल है’ में सह नायिका की भूमिका के लिए भी हां कह दिया। उन्हें किसी भी हाल में यश चोपड़ा के कैंप में प्रवेश करना था। ‘दिल तो पागल है’ से करिश्मा को बहुत फायदा हुआ। नेशनल अवार्ड भी मिला और आगे कई गंभीर फिल्मों के ऑफर भी। हालांकि गोविंदा आज भी यह मानते हैं कि करिश्मा कपूर के साथ उनकी जोड़ी सुपरहिट थी और दोनों की केमिस्ट्री भी बढ़िया थी। वहीं करिश्मा को भी हमेशा इस बात का मलाल रहा कि उनकी पहली फिल्म ‘प्रेम कैदी’ छोटे बजट की और नामी निर्माता की नहीं थी। इसलिए उन्हें बाद में बहुत संघर्ष करना पड़ा। उसी इंटरव्यू में करिश्मा ने यह भी कहा कि वो अपनी बहन करीना को जरूर यह टिप देगी कि शुरुआत बड़ी फिल्मों से करे। फिल्म और बड़े बेनर अगर आप शुरू से बड़े निर्माता-निर्देशकों के साथ काम करते हैं, तो बतौर नायिका आपका संघर्ष थोड़ा कम हो जाता है और हर कोई आपको गंभीरता से लेने लगता है।  

लेखक- जयंती रंगनाथन

स्रोत- हिंदुस्तान दैनिक (22 सितंबर, 2024)

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