दुनिया की पहली बोलती फिल्म- ‘द जैज सिंगर’
1 min read‘द जैज सिंगर’ दुनिया की पहली बोलती फिल्म थी। इस फिल्म ने इतिहास रचा था। यह म्यूजिकल ड्रामा फिल्म थी। इसका निर्देशन एलन क्रॉसलैंड ने किया था। 96 साल पहले अमेरिका ने एक इतिहास रचा जो पूरी दुनिया में आज के सिनेमा का आधार बना। 6 अक्टूबर 1927 को यूनाइटेड स्टेटस ऑफ अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में दुनिया की पहली बोलती हुई फिल्म ‘द जैज सिंगर’ दुनिया के सामने आई। इससे पहले, जो फिल्में बनती थी, उनमें आवाज नहीं होती थी। फिल्म चलती रहती थी और सीन के मुताबिक, परदे के पीछे मौजूद कलाकार संगीत एवं आवाज देते थे। ‘द जैज सिंगर’ पहली फिल्म बनी, जिसमें कहानी थी, संगीत था और कलाकारों का संवाद भी। इन सबका आपस में तारतम्य भी बना हुआ था।
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वार्नर ब्रदर्स ने किया निर्माण
फिल्म के प्रीमियर पर निर्माता वार्नर ब्रदर्स तालियों की गड़गड़ाहट सुनने को नहीं पहुंच सके थे। फिल्म जब शूट हो रही थी तभी वार्नर ब्रदर्स को निमोनिया हो गया, बाद में उनमें से एक सैम को ब्रेन में इन्फेक्शन का पता चला और प्रीमियर के ठीक एक दिन पहले सैम वार्नर ने दुनिया को अलविदा कह दिया। इस तरह परिवार का कोई सदस्य इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह नहीं बन सका। इससे पहले दुनिया ने बोलता हुआ सिनेमा नहीं देखा था। फिल्म परदे पर चलती रहती थी। उसमें न म्यूजिक होता और न ही संवाद। धीरे-धीरे अलग क्षेत्रों में सुधार का जो सिलसिला तब शुरू हुआ, सिनेमा में आज भी जारी है। आज हॉलीवुड की फिल्मों का पूरी दुनिया पर प्रभाव है क्योंकि तकनीक का जिस तरह का प्रयोग हॉलीवुड ने किया है, उसे दुनिया ने फॉलो किया।
द जैज सिंगर’ एक म्यूजिकल ड्रामा फिल्म थी। इसका निर्देशन एलन क्रॉसलैंड ने किया था। पहली बोलती हुई फिल्म होने की वजह से सब उत्साहित भी थे और कहीं न कहीं डरे भी हुए थे। मन में एक ही सवाल था, कामयाबी न मिली तो क्या होगा? इस टीम ने खुद ही जवाब दिया, कामयाबी नहीं भी मिलेगी तो भी कुछ न कुछ नया तो सीखेंगे। बस इसी भाव से फिल्म न केवल पूरी हुई बल्कि अपनी उम्मीदों पर खरी भी उतरी।
‘द जैज सिंगर’ की कहानी
फिल्म द जैज सिंगर’ की कहानी एक यहूदी युवा के आसपास बुनी गई है। वह अपने पिता की इच्छाओं के विरुद्ध एक एंटरटेनर बनने को घर से भाग जाता है। बाद में वह जैज गायक के रूप में बहुत मशहूर हो जाता है। यह कहानी आज की साधारण हिन्दी फिल्मों वाली ही लगती है लेकिन इस पहली फीचर फिल्म ने सिनेमा की दुनिया में जो योगदान दिया, वह अनूठा है। करीब 30 वर्ष तक चली मेहनत का फल था इस फिल्म का स्वरूप, जहां संगीत, संवाद और फिल, सब कुछ साथ-साथ चल रहे थे।
साल 1896 में आवाज, संगीत को एक साथ प्रोड्यूस करने के लिए कई दर्जन उपकरण सामने आए लेकिन फेल हुए। धीरे-धीरे प्रयोग होते रहे और कामयाबी मिलती गई तब जाकर द जैज सिंगर’ को पहली बोलती फिल्म का दर्जा मिल सका। इस पूरी फिल्म में सिर्फ दो मिनट का संवाद था। यह उस जमाने की हिट फिल्म थी। जैज एक संगीत शैली है, जो आज भी अमेरिका समेत दुनिया के अन्य हिस्सों में बेहद लोकप्रिय है। इसकी शुरुआत 19 वीं सदी के अंत में अमेरिका में ही होना पाया जाता है।
बजट से आठ गुना कमाया
फिल्म की कहानी सैमसन राफेल्सन की 1922 में आई लघु कहानी से प्रेरित है। इसका निर्माण वार्नर ब्रदर्स ने किया था। मुख्य किरदार में हैं अल जोलसन। फिल्म एक घंटे 29 मिनट लंबी है। फिल्म के निर्माण पर उस जमाने में पांच लाख डॉलर खर्च हुआ था। इसने कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए करीब आठ गुना का कारोबार किया।
अमेरिकी-अफ्रीकी संस्कृति का प्रदर्शन
इस फिल्म का मुख्य किरदार जोलसन फिल्म में ब्लैक फेस में दिखता। इसके माध्यम से वह अमेरिकी-अफ्रीकी लोगों और संस्कृति का प्रदर्शन करता है। यही ब्लैकफेस उसे फिल्म में खास बना देता है। लोग भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं। यह रंग भेद का एक बेहतरीन नमूना भी था। साल 1980 में यही फिल्म दोबारा बनकर सामने आई। इसमें मुख्य किरदार में नील डायमंड थे। उस समय वार्नर ब्रदर्स ने तय कर रखा था कि जब भी कोई नया सिनेमा हाल शुरू होता तो पहला शो ‘द जैज सिंगर’ ही लगता। यह लगभग वैसा ही है, जैसे ‘मेरा नाम जोकर’ (Mera Naam Jokar) में भारतीय फिल्म अभिनेता जोकर की भूमिका में दिखते हैं।
भारत की पहली बोलती हुई फिल्म आलम आरा थी, जो 14 मार्च 1931 को दर्शकों के सामने आई थी। अर्देशिर ईरानी इस फिल्म के निर्देशक थे।